यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद रार्बट वाड्रा पर मुश्किलें
बढ़ती जा रहा है। जमीन से जुड़े सौदे को लेकर कोर्ट ने कागजात की मांग की
है, लेकिन दामाद पर बढ़ती मुसीबतों को देखते हुए पूरी यूपीए सरकार उनके
बचाव में आ गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने तो दामाद रॉबर्ट वाड्रा के
जमीन सौदे से जुड़े किसी भी तरह के कागजात को कोर्ट को सौपने से मना कर
दिया है।
पीएमओ ने गोपनीयता का ह वाला देते हुए कहा है कि वाड्रा की जमीन खरीद से
जुड़े विवादास्पद सौदों में वह कागजात अदालत में पेश नहीं कर सकता क्योंकि
वे ‘गोपनीय' हैं। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में इन
सौदों की जांच के लिए दायर याचिका के नोटिस पर अपनी हलफनामे में पीएमओ ने
यह बात कही।
लखनऊ स्थित आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने पिछले साल अरविंद केजरीवाल
द्वारा वाड्रा पर लगाए आरोपों की जांच के लिए याचिका दायर की थी। इस याचिका
में उन्होंने सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा द्वारा जमीन सौदों में
अनियमितता बरतने की बात कही है। कोर्ट ने इसके तहत बाव मांगा।
जिसपर दलील देते हुए सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि याचिका सिर्फ अखबार में छपी
खबरों पर आधारित है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाए।
केंद्र सरकार ने वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदों पर लगे आरोपों को
झूठा और निराधार करार दिया है।
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