Wednesday, June 19, 2013

बदल गई उत्तराखंड की तस्वीर, जहां देखो तबाही ही तबाही

उत्तराखंड में कुदरत ने ऐसा तांडव मचाया है कि वहां की पूरी तस्वीर बदल चुकी है चाहे पौड़ी हो, रूद्रप्रयाग हो, या देव प्रयाग हर जगह बस और बस तबाही ही नजर आती है। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सशस्त्र सीमा बल अकादमी यानी SSB का ऑफिस पूरी तरह तबाह हो चुका है।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में मौजूद सशस्त्र सीमा बल की इस बिल्डिंग पर कुदरत ने अपना कहर बरपाया है। रविवार रात और सोमवार सुबह आई बाढ़ ने SSB अकादमी में भयंकर तबाही मचाई है। अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कुछ दिनों पहले यहां सशस्त्र सीमा बल के जवानों और अफसरों की ट्रेनिंग चल रही थी।
बदल गई उत्तराखंड की तस्वीर, जहां देखो तबाही ही तबाही
उफनती अलकनंदा ने 2 महीने पहले 4 करोड़ की लागत से बने अधिकारी प्रशासक केंद्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। अलकनंदा के रौद्र रूप ने SSB के बद्री स्टेडियम के साथ रिक्रूटों की बैरकों का नामोनिशान ही मिटा दिया है। पानी के तेज बहाव के आगे ऑफिसर्स आवास और डाइनिंग हॉल बर्बाद हो गया। अकादमी का नया प्रशिक्षण भवन और ट्रेनीज हॉस्टल टापू में तब्दील हो गया है। एक अनुमान के मुताबिक SSB को करीब 100 करोड़ का नुक्सान हुआ है।



कुदरत तबाही का ऐसा चोला ओढ़कर आयी, जिधर नजर पड़ती है हाहाकार मचा हुआ है. यमुनोत्री में तबाही का मंजर दिल दहला देने वाला है। घर, पुल सब कुछ तहस नहस, जिधर नजर जाती है सैलाब ही सैलाब। ऐसा लग रहा है किे लहरों के सामने जो कुछ आया उसे लील लिया।
देवप्रयाग में भी कुछ ऐसा ही मंजर नजर आ रहा है। यहां दो चार दिन पहले यहां सड़कें थी और लोग इस रास्ते से आते जाते थे। जगह-जगह सड़कों की जगह गड्ढे और खाई नजर आ रहे हैं। सड़कों पर मलबा नजर आ रहा है। सड़कें इस तरह धंस गई हैं कि इनको बनाने में ही काफी समय लग जाए। जगह-जगह गाड़ियां पलटी नजर आ रही है, टैंकर पलटे नजर आ रहे हैं।
लोगों को बचाने का काम जारी है। गोंविदघाट में सड़क और पुल तबाह हो जाने से लोगों को एक-एककर जवानों की मदद से नीचे उतारा जा रहा है। सिर्फ जोशीमठ में इस वक्त 600 लोग आईटीबीपी के कैंप में शरण लिए हुए हैं। आईटीबीपी और सेना के जवान मिलकर अस्थायी पुल बना रहे हैं ताकि लोगों को सही-सलामत ऋषिकेश तक लाया जा सके। आटीबीपी के जवान लोगों की मदद में जुटे हुए हैं।
सरकारी आकड़ें के मुताबिक आईटीबी और एनडीआरएफ ने अब तक 4 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया है। जबकि सेना ने मंगलवार तक पांच हजार लोगों को बचाया है। सरकार के मुताबिक अभी भी 60 से 70 हजार लोगों के फंसे होने की आशंका है। जो लोग अभी फंसे हैं उनको भोजन पानी और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सेना और दूसरी सुरक्षा बलों ने बचाव कार्य में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
लेकिन अभी भी कई इलाके हैं जहां पहुंच पाना नामुमकिन है। राज्य की 400 से ज्यादा सड़के बह चुकी हैं। कई इलाकों में संचार व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप है। बचाव दलों को उम्मीद है। जल्द ही मौसम साफ होगा। बचाव कार्य में तेजी आएगी। लेकिन साफ मौसम कई और बुरी खबरें भी लाएगा उत्तराखंड से।

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