बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान नरेंद्र
मोदी को मिलने के साथ ही मिशन 2014 के लिए मोदी के सीक्रेट प्लान पर भी अमल
शुरू हो चुका है। अगले आम चुनावों में जीत के मकसद से सबसे ज्यादा सियासी
अहमियत वाले राज्य उत्तरप्रदेश में मोदी के सबसे करीबी नेता अमित शाह ने
बुधवार को मोर्चा संभाल लिया। उन्हें यूपी में चुनाव अभियान समिति की कमान
दी गई है। दो दिवसीय यूपी यात्रा में अमित शाह ने वरिष्ठ नेताओं और
कार्यकर्ताओं से मिलकर मोदी के चुनावी मॉडल का रोडमैप तैयार किया।
अमित
शाह ने यूपी में आते ही मोदी के ब्लू प्रिंट पर काम शुरू कर दिया है। शाह
ने बड़ी सफाई से सूबे के हर बड़े पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं को पहला पैगाम दे
दिया है कि बीजेपी में आडवाणी चैप्टर खत्म हो चुका है। इसके साथ ही
उन्होंने साफ कर दिया कि यूपी में बीजेपी को अब मोदी मॉडल पर ही काम करना
पड़ेगा। शाह ने कहा था कि जहां तक आडवाणी जी के इस्तीफे का सवाल है वो अब
क्लोज्ड चैप्टर है। उसको भूल जाइए। पार्टी में अब कोई उसकी चर्चा नहीं
करता।
अगर
आडवाणी बीजेपी के कल थे और मोदी आज हैं तो भी यूपी में बीजेपी की राह आसान
नहीं है। यूपी में बीजेपी दो प्रमुख पार्टी एसपी-बीएसपी से काफी पीछे है।
संगठन बदहाल है। प्रमुख नेता धड़ों में बंटे हुए हैं। कार्यकर्ताओं में 90
के दशक जैसा जोश नहीं बचा है। यानी यूपी में पार्टी की तकदीर बदलना बड़ी
चुनौती है।
सवाल
है कि यूपी में बीजेपी का जीत का फार्मूला क्या है? माना जा रहा है कि
मोदी के सीक्रेट प्लान के तहत अमित शाह यूपी में पूरे होमवर्क के साथ आए
थे। शाह ने कहा कि सरकार की एक मजबूत नींव यूपी में रखी जाएगी। यूपी
परिवर्तन का रास्ता बनेगा और फिर से एक बार भाजपा को दिल्ली पहुंचाने का
रास्ता लखनऊ होकर जाएगा।
अमित
शाह की निगरानी में बीजेपी पुराना रुतबा हासिल करती है तो पार्टी में
नरेंद्र मोदी की दिल्ली की दावेदारी भी मजबूत होगी। लिहाजा अमित शाह संगठन
के ढीले नट-बोल्ट कसने में जुट गए हैं। उन्होंने 17 हजार छोटे-बड़े
पदाधिकारियों और 21 लाख कार्यकर्ताओं के सामने मोदी मॉडल रखा है।
अमित
शाह ने बूथ जीतो एक्शन प्लान लागू करने का निर्देश दिया है। प्रमुख
नेताओं-कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का लक्ष्य दिया
गया है। इसके तहत राज्य के कुल 1 लाख 27 हजार 700 बूथ के मतदाताओं को मोदी
मॉडल से वाकिफ कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
संगठन
की मजबूती के साथ अमित शाह राज्य की सियासत में बीजेपी को खड़ा करने के
लिए 26 जून से 28 जून तक चलने वाले जेल भरो आंदोलन का खाका भी तैयार कर रहे
हैं। इस मकसद से वो 21 और 22 जून को फिर यूपी का दौरा करेंगे। सवाल ये है
कि ये रणनीति यूपी की उलझी सियासत में कितनी कारगर होगी।
हालांकि
मोदी भी जानते हैं कि यूपी में पार्टी का अचानक कायापलट नहीं होगा। लिहाजा
मोदी के सीक्रेट प्लान में कांग्रेस मुक्त भारत अभियान के साथ 31 अक्टूबर
से शुरू हो रहा लोहा दान योजना भी है। यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार को बड़े
मुद्दे में तब्दील करना, यूपी में सत्ताधारी एसपी समेत तमाम पार्टियों की
मुस्लिम नीति पर हमला और मोदी के विकास मॉडल को सामने रखना भी मोदी के
सीक्रेट प्लान का बड़ा हिस्सा है।
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