बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन की नियति
पर आज गहन विचार विमर्श होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल
युनाइटेड के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को पटना तलब किया है। इन
सभी के साथ आज और कल गहन चर्चा होगी। जिसमें बीजेपी से रिश्ते को लेकर अहम
फैसला हो सकता है। बीजेपी और जेडीयू की खाई दिन ब दिन बढ़ रही है। गुरुवार
को बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने अपने तमाम सरकारी
कार्यक्रम रद्द करते हुए दफ्तरी कामकाज रोक दिया था।
इन
तमाम कयासों के बीच तीसरे फ्रंट की सुगबुगाहट और तेज हो गई है। नीतीश का
कहना है कि अगर क्षेत्रीय दल एक दूसर की समस्या को ठीक से समझ सकें तो एक
नया फ्रंट बन सकता है जो केंद्र सरकार का मुकाबला कर सके। उधऱ, उत्तर
प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव का कहना है कि कई मुद्दों पर बीजेपी और
कांग्रेस पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। अब देश के लिए तीसरे फ्रंट की
जरूरत का वक्त आ गया है।
बीजेपी
के नरम रुख के बावजूद जेडीयू के तेवर में नरमी नहीं आई है। अगले 24 घंटे
गठबंधन के लिहाज से बेहद अहम हो सकते हैं। कयास जताए जा रहे हैं कि नीतीश
इस दौरान बीजेपी को कुछ और कड़े संकेत दे सकते हैं। आज बिहार के कटिहार में
नीतीश की रैली है। इस रैली में नीतीश गठबंधन पर एक बार फिर अपने कड़े रुख
का संकेत दे सकते हैं। इसके अलावा नीतीश ने पटना में अपने विश्वस्तों की
बैठक भी बुलाई है जिसमें महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।
लेकिन
बीजेपी ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और वो एनडीए को एकजुट रखने के लिए पूरी
ताकत झोंक रही है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी विधायक जेडीयू के शीर्ष
नेताओं के संपर्क में हैं। बीजेपी जेडीय़ू को बता रही है कि दोनों के अलग
होने से बिहार में दोनों को किस कदर नुकसान पहुंचेगा।
इस
मुद्दे पर कल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और सांसद मुख्तार नकवी
ने जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात भी की थी। शरद ने हालांकि खुलकर कुछ
नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि गठबंधन फिलहाल है। उन्होंने ये भी कहा
कि फेडरल फ्रंट की बात मैंने नहीं ममता बनर्जी ने कही थी।
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