Tuesday, June 11, 2013

NDA में दरार, बीजेपी का साथ छोड़ने की तैयारी में JDU!

बीजेपी अभी एक मुश्किल से बाहर निकली नहीं कि दूसरी मुसीबत उसका स्वागत करती दिख रही है। एनडीए की सबसे मजबूत सहयोगी जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन में रहने को लेकर विचार करना शुरू कर दिया है। इसे लेकर जेडीयू में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार एक-एक कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिल रहे हैं। नीतीश के सियासी अंदाज को करीब से जानने वालों का कहना है कि उन्होंने बीजेपी से अलग होने का मन बना लिया है, वो इसकी घोषणा किसी भी वक्त कर सकते हैं।
जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने कहा कि गोवा में जो कुछ भी हुआ उससे हम लोग बहुत आहत हैं। उसी को लेकर पुर्नविचार चल रहा है। बीजेपी के साथ गठबंधन पर पुर्विचार को लेकर
जेडीयू नेता विजय चौधरी, श्याम रजक, अली अनवर, रंजन यादव और पी के शाही के साथ नीतीश ने घंटों मंथन किया।
NDA में दरार, बीजेपी का साथ छोड़ने की तैयारी में JDU!
आधी रात के वक्त जब पटना सो रहा था, बिहार सरकार के कई मंत्री गहन विचार मंथन में जुटे थे। हालांकि जेडीयू नेता और जलसंसाधन मंत्री विजय चौधरी ने ये कहने से इनकार किया कि पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया है। लेकिन उन्होंने जितना कुछ कहा उसके मायने यही हैं।
जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ये बात सही है कि जो डेवलपमेंट हो रहा है उसमें पार्टी के नेता बैठकर फैसला लेंगे। विजय चौधरी जिस और इशारा कर रहे हैं, माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने उसका फैसला कर लिया है। बस अब सही वक्त का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन एनडीए के सबसे पुराने घटक दल की राह अलग क्यों हो रही है। आखिर जेडीयू के सामने ऐसी क्या मजबूरी आ गई इसका जवाब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छुपा है।
गोवा के रास्ते बीजेपी ने मोदी की तरफ कदम बढ़ाए हैं और इसके साइड इफेक्ट्स नजर आने लगे हैं। मोदी की अगुवाई में सत्ता के सिंहासन पर पहुंचने का ख्वाब देखने वाली बीजेपी को पहला झटका एनडीए की टूट के रूप में देखने को मिल सकता है। बीजेपी में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कद को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड ने एनडीए से अलग होने का मन करीब-करीब बना लिया है। जेडीयू सूत्रों की मानें तो बिहार में एनडीए गठबंधन का टूटना तय है। विजय चौधरी, श्याम रजक, अली अनवर, रंजन यादव और पी के शाही जैसे नेताओं ने इस बारे में गंभीर चर्चा की। इस बैठक के बाद नीतीश सरकार से BJP को बाहर करने की तैयारी शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं, अभी कुछ दिन इंतजार कीजि, न इस्तीफा पर टिप्पणी, न वापसी पर। थोड़ा इंतजार कर लीजिए, हमने तो बता ही दिया है। जेडीयू ने अगर गठबंधन तोड़ने का मन बना लिया है, तो सरकार चलाने के लिए बहुमत का उपाय भी किया होगा।
सरकार चलाने के लिए बहुमत का आंकड़ा
बिहार में 243 विधानसभा सीट
जेडीयू के विधायकों की संख्या 118
जबकि बीजेपी विधायकों की संख्या 91
सदन में निर्दलीय विधायकों की संख्या 6
बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत यानी जेडीयू अकेलेदम बहुमत से महज 4 सीट दूर
निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल कर जेडीयू अकेले बहुमत हासिल कर सकती है
सूत्रों की माने तो नीतीश सरकार इसी काम में लग गई है। जेडीयू के कई नेताओं को निर्दलीय विधायकों से बात करने का काम सौंपा गया था। अब इन निर्दलीय विधायकों को पटना पहुंचने के लिए कहा गया है। जेडीयू के शीर्ष नेताओं के बैठकों के कई दौर के बाद नीतीश सरकार के भीतर की हलचल बहुत कुछ कह रही है। शायद बीजेपी भी इन आहटों को सुन रही होगी।

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