मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय
जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती और मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान को पार्टी के भीतर ही 'विरोधी ध्रुव' माना जाता है, मगर
दोनों ने इस मान्यता को झुठलाने की कोशिश करते हुए बंद कमरे में एक घंटे से
ज्यादा समय गुफ्तगू की। इसे राजनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री
चौहान रविवार को अटल ज्योति अभियान के तहत टीकमगढ़ जिले के दौरे पर थे।
टीकमगढ़ उमा का गृह जिला है। उमा ने चौहान को अपने घर पर आमंत्रित किया और
चौहान ने वहां भोजन भी किया। संभवत: चौहान पहली दफा उमा के निवास पर गए थे।
इस दौरान चौहान और उमा के बीच बंद कमरे में एक घंटे से ज्यादा गुफ्तगू
चली।
उमा
भारती ने इस बैठक को सामान्य बताया तो चौहान ने किसी तरह की राय जाहिर
नहीं की। इस बैठक के राजनीतिक निहतार्थ निकाले जा रहे हैं। ऐसा इसलिए,
क्योंकि उमा को राज्य की राजनीति से पूरी तरह बाहर किया जा चुका है। उमा
उत्तर प्रदेश से विधायक हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें
किसी राज्य की जिम्मेदारी नहीं सौपी गई हैं। इस सब के पीछे उमा विरोधियों
का हाथ माना जा रहा है। इसमे सबसे ऊपर शिवराज का नाम आता है।
इतना
ही नहीं उमा को मध्य प्रदेश की चुनाव अभियान से लेकर किसी अभियान से नहीं
जोड़ा जा रहा है। उमा भारती का बुंदेलखंड में अब भी प्रभाव है। उनके द्वारा
बनाई गई पार्टी जनशक्ति पार्टी से इस इलाके से दो विधायक जीते भी थे।
विधानसभा चुनाव करीब है और चौहान भी जानते हैं कि चुनाव में बुंदेलखंड में
उमा की जरूरत होगी। इसी के चलते उन्होंने उमा से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश
शुरू कर दी है। यही कारण है कि अटल ज्योति अभियान के कार्यक्रम में उमा को
अध्यक्ष बनाया गया था।
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