Tuesday, June 11, 2013

मोदी पर बिगड़ी बात, नवीन-ममता को थर्ड फ्रंट आया याद

आडवाणी को बीजेपी से किनारे किए जाने और मोदी को पार्टी का चेहरा बनाए जाने के बाद एनडीए में दरार दिखने लगी है। जेडीयू का केंद्रीय नेतृ्त्व एनडीए में रहने पर दोबार विचार कर रहा है तो बिहार जेडीयू निर्दलीय विधायकों के संपर्क में है। उधर शिवसेना भी खुश नहीं नजर आ रही। बदले हालात में थर्ड फ्रंट की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। नवीन पटनायक और ममता बनर्जी दोनों ने गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों से एक होने को कहा है।
बीजेपी में अंदरूनी उठापटक मची हुई है। पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को किनारे करना और मोदी को पार्टी का चेहरा बनाए जाने से बीजेपी-जेडीयू गठबंधन नाजुक दौर में है। जेडीयू ने साफ-साफ कह दिया है कि अब एनडीए में रहने पर सोचना पड़ेगा। मंगलवार को एक बार फिर पार्टी ने गठबंधन छोड़ने के संकेत देते हुए कहा कि जल्द ही पार्टी की बैठक होगी और एनडीए को लेकर फैसला हो जाएगा। इससे पहले नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि गठबंधन के मसले पर जेडीयू की बैठक जल्द होगी।
मोदी पर बिगड़ी बात, नवीन-ममता को थर्ड फ्रंट आया याद
एनडीए की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना भी बीजेपी के हालात से खुश नहीं है। आडवाणी को यूं किनारे किए जाने से वो भी खफा है। एनडीए के वजूद पर उठ रहे इस खतरे को मंगलवार को उस वक्त और बल मिला जब बीजेडी नेता और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने साफ शब्दों में मोदी और राहुल गांधी को नकारते हुए थर्ड फ्रंट की बात की। पटनायक ने कहा कि पीएम के तौर पर मोदी को अल्पसंख्यक समुदाय स्वीकार नहीं करेगा। बिहार-यूपी में राहुल गांधी का रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है। ऐसे में थर्ड फ्रंट का विकल्प ही सही होगा।
जेडीयू और बीजेडी के अलावा ममता बनर्जी भी इस कुनबे के करीब आती दिख रही हैं। मौजूदा राजनीतिक माहौल के मद्देनजर उन्होंने फेसबुक के जरिए गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी पार्टियों से एकजुट होने का आह्वान किया। ममता ने लिखा कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने का समय आ गया है, आएं हम सभी मिल कर एक फेडरल फ्रंट तैयार करें, मैं सभी क्षेत्रीय पार्टियों से अपील करती हूं कि हमलोग कुशासन और जनविरोधी फैसलों से देश को मुक्त करने के लिए एक संयुक्त लड़ाई शुरू करें और एक बेहतर और उज्ज्वल भारत का निर्माण करने के लिए एक साथ काम करें।
अब जेडीयू को ममता का सुझाव रास आ रहा है, उसने ममता बनर्जी के सुझाव का स्वागत किया है। जेडीयू सांसद के सी त्यागी ने कहा कि हम ममता बनर्जी के उस सुझाव का स्वागत करते हैं, जिसमें गैर कांग्रेसी और गैर भाजपा सरकार की बात करते हैं। हम अपनी पार्टी की मीटिंग में इस पर फैसला करेंगे।
जेडीयू ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए दिल्ली में होने वाली बीजेडी की रैली का भी समर्थन कर रही है। इस कुनबे में कई और दल भी जुड़ सकते हैं। यूपीए को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी भी मौजूदा सरकार और कांग्रेस से खास खुश नहीं है। चुनाव बाद के हालात में मुलायम किस करवट बैठेंगे ये भी नहीं कहा जा सकता। इसके अलावा लेफ्ट पार्टियां, एनसीपी, डीएमके, पीडीपी, टीडीपी और जेडीएस जैसी पार्टियां भी वक्त के मुताबिक थर्ड फ्रंट से जुड़ सकती हैं।

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