मायानगरी में मॉनसून के दस्तक देते
ही हादसों का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया। शहर की पहली ही बरसात ने
प्रशासन के इंतजामों की कलई खोलना शुरू कर दिया है। वहीं मुंबई में सोमवार
को माहिम इलाके में मूसलाधार बारिश के कारण एक इमारत का हिस्सा गिर जाने से
5 लोगों की मौत हो गई जबकि 5 लोग घायल हो गए।
सोमवार
रात करीब 8 बजे अल्ताफ मंजिल नाम की इमारत का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया।
इमारत गिरने से मलबे की चपेट में कई लोग आ गए। स्थानीय लोग तुरंत बचाव
कार्य में जुट गए। इमारत गिरने की खबर मिलते ही मौके पर दमकल विभाग और
बीएमसी के लोग भी पहुंचे। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी
मशीन की भी मदद ली गई। पांच मंजिला इमारत के एक हिस्से पर फंसे लोगों को
निकालने के लिए क्रेन की भी मदद ली गई।
वहीं
लोगों का कहने का है कि इमारत के गिरते ही लोगों ने बीएमसी को इसकी सूचना
दी लेकिन राहत कार्य के लिए प्रशासन के लोग नहीं पहुंचे। जिसके बाद स्थानीय
लोगों ने ही मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम किया। मलबे से निकाले
गए घायलों में से तीन का भाभा अस्पताल, जबकि सायन अस्पताल में एक और केईएम
अस्पताल में दो लोगों को इलाज चल रहा है। इनमें से 3 की हालत बेहद नाजुक
बताई जा रही है। वहीँ बचाव दल रात भर मलबे को हटाने का काम करता रहा।
बीएमसी के मुताबिक मलबे में और भी लोग फंसे हो सकते हैं।
घटना
स्थल का जायजा लेने पहुंचे मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने बताया
कि मलबे में शहर के जाने माने वकील रिजवान मर्चेंट जो फिल्म अभिनेता संजय
दत्त के भी वकील हैं उनके परिवार के भी कुछ सदस्य फंसे हैं। शेलार के
मुताबिक जिस वक्त हादसा हुआ तब रिजवान मर्चेंट की पत्नी, मां और उनका 18
साल का बेटा घर पर मौजूद था।
बीएमसी
के मुताबिक अल्ताफ मंजिल नाम की ये इमारत 20 साल से ज्यादा पुरानी थी और
जर्जर हालत में थी। और आरोप है कि इमारत के सबसे निचली मंजिल पर गैरकानूनी
ढंग से बुनियादी ढांचे में बदलाव भी किया जा रहा था। गौरतलब है कि बीएमसी
ने अपने अधिकारीयों से शहर के सभी खतरनाक और जर्जर सरकारी और निजी इमारतों
की एक लिस्ट बनाकर उन्हें नोटिस भेजने और खाली करवाने का जिम्मा सौंपा था
लेकिन मुंबई मेयर के मुताबिक अल्ताफ मंजिल का नाम उस लिस्ट में था ही नहीं।
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