सीबीआई ने कोयला घोटाले पर सुप्रीम
कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है और इस हलफनामे के बाद साफ है कि सरकार
और मुश्किल में पड़ेगी। सीबीआई ने रिपोर्ट में बदलाव पर 9 पन्नों का
हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि कोल ब्लॉक घोटाले की
रिपोर्ट में कानून मंत्री अश्विन कुमार, अटॉर्नी जनरल और अतिरिक्त सॉलिसीटर
जनरल के कहने पर बदलाव किया गया था।
सीबीआई
ने ये भी माना है कि कानून मंत्री के अलावा पीएमओ ने भी रिपोर्ट देखी थी।
सीबीआई ने हलफनामा में ये भी कहा है कि सीबीआई के साथ बैठक में अटॉर्नी
जनरल और अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल भी शामिल थे। हलफनामा दाखिल होने के बाद अब
कोर्ट 8 मई को इस केस की सुनवाई करेगा। कोयला घोटाले पर सीबीआई ने ये
दूसरा हलफनामा दाखिल किया है।
याचिकाकर्ता
एम एल शर्मा के मुताबिक कानून मंत्री ने खुद काफी सारे बदलाव कराये थे
रिपोर्ट में। रिपोर्ट में क्या-क्या बदला गया है, उसे सीबीआई 8 मई को कोर्ट
में बंद लिफाफे में फाइल करेगी।
इससे
पहले 12 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने रंजीत सिन्हा को हलफनामा दाखिल कर ये
बताने को कहा था कि क्या कोयला घोटाले की रिपोर्ट किसी से सांझा की गई थी
या नहीं। इस पर 26 अप्रैल को रंजीत सिन्हा ने हलफनामे दाखिल कर ये माना था
कि स्टेटस रिपोर्ट को कानून मंत्रालय, पीएमओ ऑफिस और कोयला मंत्रालय को
दिखाई गई थी।
इसके
बाद विपक्ष ने सीबीआई पर रिपोर्ट को बदल कर कोर्ट में दाखिल करने का आरोप
लगाया था और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। लेकिन पीएम ने विपक्ष
की मांग खारिज कर दी। इसके बाद इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक जम कर
हंगामा जारी है। बहरहाल सीबीआई की दोनों रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के पास है
और 8 मई को इस पर सुनवाई होगी। इसके साथ कानून मंत्री अश्विनी कुमार का भी
भविष्य तय होगा।
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