Tuesday, May 14, 2013

हवाई यात्रियों पर मार, महंगा किराया-बैगेज के भी पैसे

हवाई सफर करने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ तो उन्हें महंगा किराया चुकाना पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ ज्यादा बैगेज या मनपसंद सीट के लिए अलग से पैसे भी देने पड़ रहे हैं। जबकि अतिरिक्त चार्ज के बाद बेसिक किराए में कमी का भरोसा दिलाने वाली सरकार अब पल्ला झाड़ रही है। सरकार ने एयरलाइन कंपनियों को यात्रियों से हर तरफ से उगाही की खुली छूट दे दी है।
इस महीने की शुरुआत में विमानन मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर एयरलाइन कंपनियों को सर्विसेज की अनबंडलिंग की इजाजत दे दी। मंत्रालय का कहना था कि इससे एयरलाइन कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा और बेसिक किराये भी कम होंगे। लेकिन इसका उल्टा हो रहा है। एयरलाइंस यात्रियों से अपनी सेवाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज तो वसूल रही हैं लेकिन बेसिक किराए घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। और तो और, विमानन मंत्री यात्रियों को इंतजार करने की नसीहत दे रहे हैं।
हवाई यात्रियों पर मार, महंगा किराया-बैगेज के भी पैसे
एयरलाइंस की मनमानी का ये अकेला मामला नहीं है। इस साल की शुरुआत में विमानन मंत्रालय ने एयरलाइंस के फेयर बैंड में भारी अंतर पर काबू पाने के लिए फेयर मॉनिटरिंग सेल बनाने की बात कही और एयरलाइंस से किरायों की जानकारी भी मांगी। लेकिन एयरलाइंस ने किराए की दरों को कमर्शियल रणनीति बताते हुए जानकारी देने से मना कर दिया और सेल की योजना भी लटक गई। अब मंत्रालय का कहना है कि वह केवल किरायों में पारदर्शिता चाहता है न कि उनकी मॉनिटरिंग करना।
यात्रियों को 15 किलो से ज्यादा बैगेज ले जाने पर जेट एयरवेज और एयर इंडिया जैसी फुल सर्विस एयरलाइंस में प्रति किलो 200 से 250 रुपये चुकाने होंगे। यानी पहले की तरह 20 किलो बैगेज चेक इन कराने पर 1250 रुपये का अतिरिक्त बोझ यात्रियों पर पड़ेगा। लो कॉस्ट कैरियर इंडिगो ने तो हर मनपसंद सीट के लिए यात्रियों से वसूली शुरू कर दी है।

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