भारत ने डायरिया जैसी खतरनाक बीमारी से निपटने के लिए एक वैक्सीन तैयार कर ली है। 28 साल की मेहनत के बाद ये दवा डायरिया की देश में बनी पहली दवा होगी। सरकार ने इस रोटावेक वेक्सीन के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है। इसके इस्तेमाल से डायरिया के मामलों में 56 फीसदी तक की कमी आने के आसार हैं।
डायरिया
का सबसे ज्यादा असर 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर होता है। और इस बीमारी
से देश में हर साल करीब 1.5 लाख बच्चों की जान जाती है।
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