लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव को
खत्म करने के लिए क्या कोई डील हुई थी। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के
मुताबिक दोनों देशों के बीच डील हुई थी। अखबार के मुताबिक चुमार में
वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना अपने बनाए बंकरों को हटाएगी।
हालांकि सूत्रों से ये भी खबर आ रही है कि चीन को चुमार बंकर पर आपत्ति
जरूर है, लेकिन भारत फिलहाल इसे हटाने नहीं जा रहा है।
टाइम्स
ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक चीन के साथ बने गतिरोध को खत्म करने में
शामिल सुरक्षा बलों के करीबी सूत्रों और वैसे स्थानीय लोग जो वहां की
भौगोलिक स्थिति करीब से जानते हैं उन्होंने अखबार को बताया कि चीनी सेना
लद्दाख के देपसांग से तब गई जब भारतीय सेना चुमार से बंकर नष्ट करने के लिए
राजी हुई।
इसी
बंकर के जरिए भारतीय जवान कराकोरम हाईवे पर नजर रखते थे। भारतीय सैनिक रोज
चुमार पोस्ट से बंकर तक गश्त लगाते थे। अचानक भारतीय सैनिक गश्ती के दौरान
भारतीय सीमा में 19 किलोमीटर अंदर चीनी सैनिकों के टेंट देखकर हैरान रह
गए। आपको बता दें कि चीन ने शर्त रखी थी कि भारत पूर्वी लद्दाख में स्थायी
निर्माण का काम बंद करे। इस शर्त पर ही चीन सीमा पर 15 अप्रैल से पहले की
स्थिति बहाल करने के लिए राजी था।
चीन
पहले से ही भारत द्वारा दौलताबेग ओल्डी, फुक्चे और न्योमा में कराए जा रहे
निर्माण कार्यों से खार खाए हुए है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पिछले
चार-पांच सालों से भारत द्वारा आधारभूत ढांचा विकसित करने को लेकर चीन असहज
था। इन निर्माण कार्यों से पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना का मूवमेंट आसान
हो गया था जो कि चीन को बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
चीन
ने कई बार चुमार पोस्ट पर लगे निगरानी कैमरों के तार को काटने की भी कोशिश
की थी। 21 अप्रैल की दूसरी फ्लैग मीटिंग में ही चीन ने चुमार पोस्ट पर
आपत्ति जताते हुए इसे नष्ट करने के लिए कहा था। भारत की तरफ से कहा गया कि
यह महज गश्ती दल के लिए रोज की बर्फीली हवाओं से बचाव के लिए है। लेकिन चीन
इसे मानने को तैयार नहीं था।
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