कानून मंत्री अश्विनी कुमार और रेल मंत्री
पवन बंसल पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक जल्द
होने वाले कैबिनेट फेरबदल में बंसल की छुट्टी तो तय है लेकिन अश्विनी कुमार
को विभाग बदल कर छोड़ा जा सकता है। इस बीच केंद्रीय सतर्कता ब्यूरो यानी
सीवीसी ने कोयला आबंटन की जांच में सरकारी दखलंदाजी पर सीबीआई से रिपोर्ट
तबर कर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
सुप्रीम
कोर्ट की फटकार के बाद क्या होगा कानून मंत्री अश्विनी कुमार का? इस सवाल
के बीच गुरुवार का दिन अश्विनी कुमार के लिए खासा मुश्किल रहा। सुबह साढ़े
दस बजे वो अपने घर से निकले और मीडिया के सवालों का जवाब दिए बगैर निकल गए।
ढाई घंटे बाद करीब सवा एक बजे कानून मंत्री अपने दफ्तर पहुंचे। लेकिन
सामने एक बार फिर कैमरे देखकर उलटे पैर वापिस निकल गए। घटनाक्रम में नाटकीय
मोड़ इसके बाद आया। कुछ ही मिनटों बाद अश्विनी कुमार प्रधानमंत्री कार्यलय
पहुंचे। करीब 40 मिनट वहां रहे। भीतर जाते और बाहर आते आईबीएन7 के कैमरे
ने उन्हें कैद किया। लेकिन इसके घंटा भर बाद अपने दफ्तर में उन्होंने
मीडिया को जो बताया वो हैरान करने वाला था। उन्होंने कहा कि आज मेरी पीएम
से मुलाकात नहीं हुई।
लेकिन
बड़ा सवाल ये है कि अगर मुलाकात नहीं हुई तो फिर पीएम दफ्तर क्यों गए थे
अश्विनी कुमार। क्या वो मुलाकात का वक्त लिए बगैर ही पीएमओ चले गए थे। इन
सवालों को अगर प्रधानमंत्री की अटॉर्नी जनरल जी वाहनवती की मुलाकात से
जोड़ा जाए तो अश्विनी कुमार की मुश्किलों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक घंटे भर की मुलाकात में वाहनवती ने कोयला आबंटन पर
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की तफ्सीली जानकारी पीएम को दी। खास बात ये
कि अश्विनी कुमार तो गुरुवार शाम होने वाली केंद्रीय मंत्रिमडल की बैठक में
पहुंचे लेकिन रेल घूसकांड में फंसे रेल मंत्री पवन बंसल ने कैबिनेट बैठक
तक में शिरकत नहीं की। इससे उनके इस्तीफे की अटकलें भी तेज़ हो गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को सोनिया गांधी के अगुवाई में होने वाली
कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में हालात से निपटने की रणनीति को आखिरी शक्ल
दी जाएगी अगले हफ्ते संभावित कैबिनेट फेरबदल में पवन बंसल की छुट्टी मुमकिन
है लेकिन अश्विनी कुमार के विभाग में बदलाव हो सकता है। यही वजह है कि अब
तक मंत्रियों का बचाव करते दिख रहे कांग्रेस प्रवक्ताओं के सुर बदल गए हैं।
उधर
विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
ने अपने ब्लॉग में सरकार की जमकर खिंचाई की। अपने दो मंत्रियों खासकर
कानून मंत्री को बचाने के लिए सरकार ने वक्त से पहले ही संसद सत्र अनिश्चित
काल के लिए स्थगित कर दिया। सरकार ने अपने दोनों मंत्रियों को बचाने के
लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी ने भी
सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सीवीसी ने कोयल आबंटन मामले की जांच में
सरकारी की दखलंदाज़ी पर सीबीआई से तफ्सीली रिपोर्ट तलब की है।
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