मायावती सरकार के जमाने में उत्तर
प्रदेश में हुए स्मारक घोटाले में सरकारी खजाने को 15 अरब का चूना लगा था।
लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंप दी है।
उन्होंने मायावती सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह
कुशवाहा से घोटाले की रकम का तीस-तीस फीसदी वसूलने की सिफारिश की है।
लोकायुक्त
एनके महरोत्रा के मुताबिक 199 लोग इस केस में आरोपी बनाए गए हैं। रिपोर्ट
मुख्यमंत्री को भेजी जा चुकी है। जांच में ईओडब्ल्यू से मदद ली गई थी। जांच
में ये मामला सामने आया है, इसकी 30-30 प्रतिशत वसूली नसीमुद्दीन और बाबू
सिंह कुशवाहा से की जाएगी और 15 प्रतिशत सीपी सिंह से वसूली की जाएगी।
लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा की रिपोर्ट के मुताबिक स्मारक निर्माण में कुल 14
अरब 88 करोड़ 40 लाख रुपये का घोटाला हुआ। यानी निर्माण की कुल धनराशि का
34 फीसदी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। लोकायुकत ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह
कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत कुल 199 लोगों को घोटाले का जिम्मेदार
ठहराया है। इनमें 54 इंजीनियर, 5 खनन अधिकारी, एलडीए के पांच अधिकारी, दो
पूर्व एमएलए और एक मौजूदा एमएलए के अलावा 37 अकाउंटेंट शामिल हैं।
बीएसपी
सुप्रीमो मायावती जब-जब मुख्यमंत्री बनीं, स्मारकों के निर्माण पर उनका
खास जोर रहा। पिछले शासन के दौरान तो उन्होंने लखनऊ समेत यूपी के तमाम
शहरों रंग बदल दिया। करीब साढ़े चार हजार करोड़ खर्च करके उन्होंने सामाजिक
परिवर्तन के नायकों की मूर्तियां लगवाईं। डॉ.अंबेडकर और कांशीराम के नाम
पर भव्य स्मारक और पार्क बनवाए। आलोचना से बेपरवाह अपनी मूर्तियां लगवाने
से भी गुरेज नहीं की। लेकिन अब लोकायुक्त जांच से पता चला है कि बहुजन
सम्मान की ढाल में माल बनाने का अभियान चल रहा था।
बीएसपी
प्रवक्ता स्वामी प्रसाद मौर्य के मुताबिक मुख्यमंत्री की जांच का अधिकार
लोकायुक्त को नहीं है, और लोकायुक्त ने रिपोर्ट में मायावती को क्लीन चिट
दी है जो जाहिर करता है कि वो प्रदेश हित में काम करती थी। मंत्रियों को
राजनीतिक करणों से दोष करार दिया गया है। एसपी सरकार गलत परंपरा की शुरुआत
कर रही है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना होगा।
बहरहाल,
अब सबकी निगाह अखिलेश सरकार की ओर है कि क्या वो लोकायुक्त की सिफारिशों
के आधार पर पूर्व मंत्रियों से वसूली करेगी। नसीमुद्दीन सिद्दीकी माया
सरकार में काफी रसूखदार थे। उनके पास 17 मंत्रालय थे। बाबू सिंह कुशवाह भी
मायावती के बेहद करीब थे, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वे बीजेपी
का दामन थाम चुके हैं। 5000 करोड़ के मेडिकल घोटाले में फंसे कुशवाहा डेढ़
साल से डासना जेल में बंद हैं।
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