आखिर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के
बावजूद कानून मंत्री अश्विनी कुमार इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे? क्या वो ऐसा
किसी की शह पर कर रहे हैं। खबर है कि सोनिया गांधी भी पार्टी की छवि को
दागी मंत्रियों पर कुर्बान नहीं करना चाहतीं। ऐसे में, सवाल उठ रहा है कि
क्या अश्विनी कुमार का कुर्सी पर बने रहना, किसी बड़े सियासी खेल का नतीजा
है।
सुप्रीम
कोर्ट की फटकार, कांग्रेस पार्टी के एक धड़े की बेरुखी और विपक्ष के आरोप
के बाद भी कानून मंत्री अश्विनी कुमार की कुर्सी कैसे बची हुई है। ना
उन्होंने खुद इस्तीफा दिया और ना ही उनसे ऐसा करने को कहा गया। सरकार के
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार पर सीधे कोई टिप्पणी
नहीं की है लिहाजा इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। लेकिन कांग्रेस पार्टी
के शीर्ष पर बेचैनी है।
सूत्रों
के मुताबिक सोनिया गांधी चाहती हैं कि अश्विनी कुमार और रेल घूसकांड में
निशाने पर आए रेल मंत्री पवन कुमार के चलते अगर पार्टी की छवि खराब हो रही
है, तो उनके इस्तीफे हो जाने चाहिए। हालांकि पार्टी जल्दबाजी में कोई
कार्रवाई करते हुए नहीं दिखना चाहती। सोनिया गांधी के रुख को देखते हुए दो
दिन पहले तक अपने मंत्रियों का साथ देते दिख रही कांग्रेस नेताओं के सुर
भी बदल गए हैं।
कांग्रेस
प्रवक्ता रेणुका चौधरी के मुताबिक कोर्ट ने जो कहा है उसपर सरकार
संवेदनशील है। तो फिर सवाल वही है कि अश्विनी कुमार इस्तीफा क्यों नहीं दे
रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि अश्विनी कुमार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
की शह है, इसीलिए उनका इस्तीफा नहीं हो रहा। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद
के मुताबिक
मनमोहन सिंह अश्वनी कुमार को क्यों बचा रहे हैं। दरअसल पीएम के दरवाजों पर आग पहुंच रही थी इसलिए ये कवायद हुई।
सूत्रों
के मुताबिक रविवार को कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह ने अश्विनी कुमार और पवन बंसल के इस्तीफे का विरोध किया था। जबकि
कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि उनके इस्तीफे ले लिए जाएं। खास बात
ये है कि ये दोनों मंत्री प्रधानमंत्री के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में,
अगर कोयला घोटाले में अश्विनी कुमार का इस्तीफा होता है तो प्रधानमंत्री
सीधे निशाने पर आ जाएंगे। तो फिर सवाल ये हैं कि
क्या
अश्वनी कुमार और पवन बंसल से पल्ला झाड़कर कांग्रेस प्रधानमंत्री से दूरी
बनाने की कोशिश कर रही है? क्या सोनिया गांधी की मर्जी के बावजूद कोई
मंत्री इस्तीफा देने में आनाकानी कर सकता है? क्या कांग्रेस पार्टी के
शीर्ष स्तर पर मतभेद पैदा हो गए हैं?
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