आज संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा
होगी। इसे पास कराना सरकार के लिए चुनौती होगी। भोजन की गारंटी से जुड़े
खाद्य सुरक्षा विधेयक को कल लोकसभा में भारी हंगामे के बीच पेश कर दिया
गया। इससे नाराज विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने दोहराया कि आरोपी
मंत्रियों के इस्तीफे के बगैर कोई बिल पास नहीं होगा। लेकिन सरकार ने साफ
किया कि वो हर हाल में खाद्य सुरक्षा बिल पास कराना चाहती है।
लोकसभा
में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज के मुताबिक सभी इस बात को मानते हैं। कोई
बिल भी हंगामे के बीच पास नहीं होना चाहिए। खास तौर पर खाद्य सुरक्षाऔर
भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष चर्चा चाहता है। सरकार दोषी मंत्रियों का
इस्तीफा ले और सदन चलाए। अगर जबरदस्ती संसद चलाने की कोशिश होगी और सरकार
बिल पास कराने की कोशिश करेगी तो बीजेपी इसे नहीं होने देगी।
सूत्रों के मुताबिक सरकार सोमवार को ही खाद्य सुरक्षा विधेयक पास करवाना चाहती थी
सोमवार
को जारी हंगामे के बीच सरकार ने लोकसभा में नाटकीय ढंग से खाद्य सुरक्षा
बिल पर चर्चा शुरु कर दी। लंबे वक्त से अटके पड़े इस अहम बिल को सरकार का
बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है। लेकिन अचानक चर्चा शुरू होने को लकेर
बीजेपी ने जमकर हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने चेतावनी दी कि रेल मंत्री पवन बंसल और
कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी
जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक सरकार सोमवार को ही खाद्य सुरक्षा विधेयक पास करवाना चाहती थी
लेकिन
जबरदस्त हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन में मौजूद
सोनिया गांधी कार्यवाही बाधित होने से नाराज दिखीं। विधेयक पर चर्चा के
लिए चार से छह घंटे का वक्त मुकर्रर किया गया था। फिलहाल चर्चा में हिस्सा
लेने के लिए 7 लोगों का नाम है। मंगलवार को चर्चा होने पर और नाम जोड़े जा
सकते हैं।
दरअसल
सोनिया गांधी का पसंदीदा खाद्य सुरक्षा बिल, चुनावों से पहले सरकार की
महत्वकांक्षी योजनाओं में है। इससे देश भर में गरीबों को बेहद सस्ते दर पर
अनाज मिल सकेगा। सरकार को लगता है कि विधेयक जल्द पास हुआ तो उसे चुनावी
फायदा मिलेगा, और अगर ना हो पाया तो तोहमत विपक्ष के सिर मढ़ी जा सकेगी।
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