चीन और भारत के बीच सीमा पर टकराव के हालात
टल गए हैं। चीनी सैनिक लद्दाख से पीछे हट गए हैं। चीनी सैनिक लद्दाख के
दौलतबेग ओल्डी सेक्टर से रविवार शाम पीछे हट गए। भारतीय सेना के मुताबिक
चीनी सैनिक उस जगह से पीछे हट गए हैं, जहां वो करीबन बीस दिन पहले आ घुसे
थे और अपने टेंट गाड़ दिए थे। भारतीय सेना भी उस जगह से पीछे हट गई है जहां
से वो चीनी सेना पर नजर रख रही थी, लेकिन फिलहाल ये साफ नहीं है कि चीन
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 अप्रैल की यथास्थिति पर जाएगा या नहीं।
सेना
के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक रविवार शाम साढ़े सात बजे तक चीनी सेना
जो कि भारतीय सीमा के 19 किलोमीटर अंदर बैठी थी वो हट गई। चीनी सेना लद्दाख
के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में करीब 20 दिनों से घुसी बैठी थी। हालांकि अभी
यह साफ नहीं है कि चीन एलएसी के पार जाकर 15 अप्रैल की स्थिति पर वापस
जाएगी या नहीं। चीनी सेना के पीछे हटने की वजहों के बारे में आधिकारिक तौर
पर कोई जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री
सलमान खुर्शीद की चीन यात्रा से ठीक पहले लिए गए चीन के इस फैसले के पीछे
यह आशंका थी कि कहीं खुर्शीद की यात्रा पर इस तनाव का साया न पड़ जाए।
चीनी
घुसपैठ के मद्देनजर भारत ने सख्त संकेत दिए थे। विदेश मंत्री खुर्शीद का
दौरा रद्द करने की बातें भी चल रही थीं। खुर्शीद 9 मई से चीन दौरे पर जा
रहे हैं। माना जा रहा है कि चीन नहीं चाहता था कि तनाव के चलते भारत के साथ
उन संभावित समझौतों पर कोई बुरा असर पड़े, जिससे उसके भी हित जुड़े हैं।
खास बात ये है कि चीनी सेना के साथ-साथ भारतीय सेना भी दौलत बेग ओल्डी
सेक्टर से पीछे हट गई है। दोनों पक्षों ने एक-साथ, एक-वक्त पर पीछे हटने पर
राजी हुए।
15
अप्रैल को करीब 50 की तादाद में चीनी सेना गाड़ियों और कुत्तों से लैस
होकर डीबीओ सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी के पार भारतीय
सीमा के 19 किलोमीटर अंदर तक घुस आई थी और पांच टेंट गाड़ दिए थे। भारत के
बार-बार कहने के बावजूद चीनी सैनिक न तो घुसपैठ की बात स्वीकार करने को
तैयार थे और न ही वह इलाका खाली करने के लिए ही राजी थे। भारतीय सेना ने भी
चीनी सेना की ओर रुख करके 300 मीटर की दूरी पर अपने टेंट गाड़ दिए थे।
इससे दोनों पक्षों में टकराव के हालात बनते जा रहे थे।
दोनों
देशों के कमांडरों के बीच चार फ्लैग मीटिंग हो चुकी थी। शनिवार को भी एक
फ्लैग मीटिंग हुई थी। हालांकि, इन फ्लैग मीटिंग से कोई सकारात्मक नतीजा
नहीं निकल सका था। चीनी सेना चाहती थी कि पहले भारतीय सेना पीछे हटे और
भारतीय सेना चाहती थी कि पहले चीनी सेना पीछे हटे। दोनों अपनी-अपनी मांग पर
अड़े हुए थे। रविवार को इस बात पर सहमति बनी कि गतिरोध बिंदु से दोनों देश
एक ही वक्त पर अपनी सेना को पीछे हटाएंगे। सूत्रों ने कहा कि सेना को पीछे
हटाने से पहले स्थानीय स्तर पर भारतीय और चीनी पक्ष के कमांडरों ने हाथ
मिलाए।
लेकिन
यहां एक सवाल ये भी उठता है कि लद्दाख में देपसांग घाटी में मौजूद दौलत
बेग ओल्डी सेक्टर को क्या नो मेन्स लैंड मान लिया गया है? क्योंकि भारतीय
सेना भी इस जगह से हट गई है।
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