Monday, May 13, 2013

अ‍थाह दौलत का अंबार, भक्‍तों का बेड़ापार..

भगवान लुटा रहे हैं अपना खजाना. अथाह दौलत के अंबार से हो रहा है भक्तों का बेड़ापार. दौलत के इस महादान में सबसे आगे हैं शिरडी वाले साईं बाबा. देश के अमीर मंदिर, बेसहारा और गरीबों में अपनी दौलत बांट रहे हैं, लेकिन महादान में रिकॉर्ड तोड़ा है शिरडी साईं मंदिर ने और साईं बाबा का शिरडी मंदिर दान करने में सिद्धिविनायक से आगे निकल गया है.
शिरडी वाले साईं बाबा के दरबार में जितनी दौलत है, उतना ही साईं मंदिर से दान भी किया जाता है. पिछले 4 सालों में शिरडी वाले साईं मंदिर में भक्तों ने करीब 1000 करोड़ से ज्‍यादा का चढ़ावा चढ़ाया है जबकि मुंबई के सिद्धिविनायक में 206 करोड़ रुपए का चढ़ावा आया है.
शिरडी मंदिर ने पिछले 4 साल के चढ़ावे में से 53 फीसदी दौलत का महादान किया है तो सिद्धिविनायक ने पिछले 4 सालों में खज़ाने का 13 फीसदी चैरिटी में दिया है. यानी साईं बाबा ने दान देने में भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है. शिरडी साईं मंदिर, सिद्धिविनायक मंदिर से महादान के मामले में भी आगे निकल गया है.
साईं बाबा की भक्तों में ऐसी आस्था है, कि भक्त बाबा को मालामाल कर रहे हैं, उनपर करोड़ों लुटा रहे हैं. यही वजह है कि हर साल साईं के खजाने का नया रिकॉर्ड बनता है और साल 2012-13 में भी साईं बाबा पर रिकॉर्डतोड़ दौलत बरसी है.
साईं बाबा में उनके भक्तों की अटूट आस्था है और साईं के भक्तों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है और इस अटूट आस्था का नतीजा है ये दौलत, अथाह संपत्ति, नोट ही नोट और माया ही माया.
साल 2012-13 में शिरडी साईं मंदिर में 305 करोड़ 39 लाख रुपए का चढ़ावा आया इसमें 35 किलो सोना, 385 किलो चांदी और एक करोड़ के 18 लाख रुपए के हीरे भक्तों ने चढ़ाए. तो मंदिर की हुंडी में 176 करोड़ रुपए कैश आए, जबकि 10 करोड़ रुपए विदेशी करंसी भी भक्तों ने चढ़ाई.
साल 2011 में 276 करोड़ का चढ़ावा आया, जिसमें इस साल करीब 30 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. साल 2011-12 में 42 किलो सोना, 428 किलो चांदी और हुंडी में 160 करोड़ रुपए कैश आए थे जबकि 8 करोड़ विदेशी करंसी आयी थी.
यहां सवाल शिरडी साईं मंदिर में चढ़ाने का नही है बल्कि भक्तों की आस्था और श्रद्धा का है जो साईं का आशीर्वाद बनकर भक्तों पर बरस रही है और भक्त अपने भगवान को धनवान कर रहे हैं.

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