कोलगेट में सीबीआई ने आज हलफनामा दाखिल कर
दिया। सीबीआई ने सुप्रीमकोर्ट में माना कि रिपोर्ट में पीएमओ के अधिकारी और
कानून मंत्री के कहने पर बदलाव किए गए थे। इसके बाद विपक्ष ने सरकार पर
हमला तेज कर दिया है। बीजेपी ने कहा है कि सरकार में अगर थोड़ी भी नैतिकता
बची हो तो इन सबको इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं सीपीएम ने कहा कि कानून
मंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
वहीं
सीबीआई निदेशक ने कोर्ट से गलती के लिए माफी मांगी और कोर्ट से वादा किया
कि कोलगेट की स्वतंत्र जांच होगी। सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि संदिग्ध
और दोषियों के नाम रिपोर्ट से नहीं हटाया गया। फिलहाल सीबीआई ने हलफनामे
में ये नहीं कहा है कि किस तरह के और किस स्तर के बदलाव रिपोर्ट में किये
गए हैं।
बीजेपी के नेता शाहनवाज हुसैन ने
कहा कि इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं बची है। अगर थोड़ी भी नैतिकता बची हो
तो इन सबको इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस को सत्ता में रहने का कोई हक
नहीं है। हर मंत्रालय में घोटाला है। जो मंत्रालय सीधे प्रधानमंत्री के
नीचे हैं, जब उसमें घोटाला हो सकता है तो बाकी में क्या हाल होगा? इन सबको
इस्तीफा दे देना चाहिए और चुनाव की और बढ़ना चाहिए।दूसरी तरफ सीपीएम के
सीताराम येचुरी ने कहा कि कानून मंत्री अश्विनी कुमार को पद पर बने रहने का
कोई अधिकार नहीं है।
बीजेपी
के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अब साफ हो गया है कि सरकार किस तरह
दबाव डालकर सीबीआई की जांच को प्रभावित कर रही थी। चोर के पास ही रिपोर्ट
जाएगी और वो अपने ही हिसाब से रिपोर्ट को चेंज करेगा तो क्या होगा? न्याय
कैसे होगा? प्रधानमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कानून मंत्री को तत्काल
इस्तीफा देना चाहिए। वहीं बीजेपी के यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमने अली बाबा
और चालीस चोर की कहानी पढ़ी थी। पर अब मैं कहूंगा कि ये मौनी बाबा और 90
चोर की कहानी है।
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