यूपीए सरकार के कई मंत्रियों पर हमला बोलने
के बाद अब आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कपिल सिब्बल पर
निशाना साधा है। केजरीवाल का आरोप है कि कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार
संभालते ही सिब्बल ने वोडाफोन-हच टैक्स मामले में समझौता कराने की कोशिश
की। जबकि उनके बेटे अमित सिब्बल, वोडाफोन के वकील रह चुके हैं। लेकिन अमित
सिब्बल और कांग्रेस पार्टी ने केजरीवाल के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
केजरीवाल
का आरोप है कि कानून मंत्रालय का पदभार संभालते ही कपिल सिब्बल ने इस
मामले में अदालत से बाहर समझौता कराने की पैरवी कर दी। जबकि उनके बेटे अमित
सिब्बल खुद हचिंसन कंपनी के वकील रह चुके हैं। लेकिन अमित सिब्बल ने
केजरीवाल के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। उनके मुताबिक कपिल
सिब्बल के टेलीकॉम मंत्री बनने के बाद से वो किसी भी टेलीकॉम कंपनी के वकील
नहीं रहे हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी इन आरोपों को सिरे से नकार
दिया है।
केजरीवाल का आरोप है कि वोडाफोन और हचिंसन कंपनी ने एस्सार कंपनी के साथ एक समझौता किया है। इसके मुताबिक वोडाफोन और हचिंसन कंपनी ने एस्सार को इस मामले को भारत की सभी अदालतों से खारिज या वापस कराने के लिए दो हजार करोड़ देने की बात कही है। केजरीवाल के मुताबिक ये पैसा रिश्वत देने के लिए दिया गया है।
दिल्ली
विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर
केंद्र सरकार के आला मंत्री कपिल सिब्बल पर निशाना साधा है। केजरीवाल के
मुताबिक वोडाफोन और हचिंसन कंपनी की एक व्यवसायिक डील हुई थी। जिसके बाद
कंपनी को 11 हजार करोड़ से ज्यादा का टैक्स चुकाना था। लेकिन कंपनी ने
टैक्स नहीं दिया और सुप्रीम कोर्ट ने भी उसके रुख को सही ठहराया। लेकिन
संसद ने कानून में बदलाव करके ये तय कर दिया था कि कंपनी को हर हाल में
टैक्स देना होगा। वोडाफोन-हचिंसन ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की
थी।
केजरीवाल का आरोप है कि वोडाफोन और हचिंसन कंपनी ने एस्सार कंपनी के साथ एक समझौता किया है। इसके मुताबिक वोडाफोन और हचिंसन कंपनी ने एस्सार को इस मामले को भारत की सभी अदालतों से खारिज या वापस कराने के लिए दो हजार करोड़ देने की बात कही है। केजरीवाल के मुताबिक ये पैसा रिश्वत देने के लिए दिया गया है।
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