रेलवे घूसकांड में कुर्सी गंवाने के बाद
पवन बंसल मीडिया से नाराज हैं। चंडीगढ़ पहुंचे बंसल से जब मीडियाकर्मियों
ने उनके परिवार से जुड़े सवाल पूछे तो वो भड़क उठे। सफाई देते हुए बंसल ने
कहा कि विजय सिंगला के साथ उनका कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है। उधर कांग्रेस
ने सफाई देते ये कहा कि बंसल और अश्विनी को हटाने का फैसला सिर्फ सोनिया
गांधी का नहीं था। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी सहमति थी।
पूर्व
रेल मंत्री ने कहा, ‘’मेरा इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। मैं सीबीआई
जांच का स्वागत करता हूं। मेरा, मेरे भांजे से कोई बिजनेस रिलेशन नहीं है।
बीजेपी कभी तो सीबीआई को गाली देती है। कभी उनसे जांच की मांग करती है।
मैंने कुछ गलत नहीं किया है।‘’लेकिन जब मीडिया के सवाल तीखे होने लगे तो
बंसल का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने एक पत्रकार से कहा कि आपको अकेले में
बताना पड़ेगा कि परिवार क्या होता है? आपको अकेले में आ कर बताऊं परिवार की
परिभाषा।
दिल्ली
में फजीहत और इस्तीफे के बाद अपने शहर पहुंचे पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल
कभी सफाई देते नजर आए तो कभी मीडियाकर्मियों पर भड़कते दिखे। रेल मंत्रालय
से छुट्टी होने के बाद पवन बंसल रविवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचे। समर्थकों के
सामने खुद को बेकसूर बताते हुए बंसल ने कहा कि भांजे विजय सिंगला के साथ
उनके किसी तरह के कारोबारी रिश्ते नहीं हैं। बंसल ने कहा कि वो हर तरह की
जांच के लिए तैयार हैं।
इस
बीच बीजेपी का बंसल पर हमला जारी है। बीजेपी का कहना है कि भ्रष्टाचार में
लिप्त हर मंत्री को खामियाजा भुगतना होगा। वहीं दो मंत्रियों के इस्तीफे
के बाद कांग्रेस भी हमलावर मूड में आ गई है। कांग्रेस ने बयान जारी कर उन
कयासों को खारिज किया कि मंत्रियों को हटाने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री
अलग थलग पड़ गए हैं। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के मुताबिक दोनों
मंत्रियों को हटाने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और
प्रधानमंत्री का संयुक्त फैसला था। विपक्ष पर हमला तेज करते हुए विदेश
मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि हर चीज की बुराई करना ही बीजेपी की
फितरत बन गई है।
मालूम
हो कि बंसल और अश्विनी कुमार के बाद अब बीजेपी के निशाने पर प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह हैं। जबकि दो मंत्रियों की विदाई के बाद कांग्रेस अब और नुकसान
कराने के मूड में नहीं है यानी आने वाले दिनों में लड़ाई और तल्ख होती दिख
रही है।
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