Monday, May 6, 2013

अमेरिका और सऊदी अरब पर इस्लाम विरोधी होने का आरोप!

मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव और शिया धर्म शुरु कल्बे जव्वाद ने अमेरिका को इस्लाम विरोधी करार देते हुए सऊदी अरब के मुफ्ती के फतवो का विरोध करने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है। कल्बे जव्वाद ने मंगलवार को कहा कि सऊदी अरब के मुफती यासिर का फतवा इंटरनेट पर है जिसमें औरतों के खिलाफ अमानवीय फतवा जारी किया गया है।
उन्होंने धर्मगुरुओं से इसके खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और सऊदी अरब के दबाव में लोग ऐसे फतवों पर चुप हैं। उन्हें आशंका है कि ऐसे फतवों से दुनिया में शांति के बजाय आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा। उन्होने दावा किया कि हाल ही में जार्डन में रसूल-ए-इस्लाम के भाई सहाबी जनाबे जफरे तय्यार की कब्र को जला दिया गया। जफरे तय्यार इस्लाम के वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने मक्का से हबश की तरह रसूल के कहने पर हिजरत की थी और वहां इस्लाम का प्रचार करते थे।
जव्वाद ने कहा कि आपत्तिजनक फतवों के विरोध में वह आगामी शुक्रवार को काला दिवस मनाएंगे और जुमे की नमाज के समय सभी नमाजी काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे। शनिवार को दिल्ली जतंर मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा। उनका कहना था कि आपत्तिजनक फतवा इंटरनेट पर भी है। इस मौके पर मौलाना फिरंगी महली और शहर मुफ्ती अबुल इरफान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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