प्याज की बढ़ती कीमतों पर देश के कृषि
मंत्री शरद पवार ने कहा है कि केंद्र के चलते प्याज के दाम नहीं बढ़े हैं।
पवार ने प्याज की कीमतों को लेकर एक बैठक भी बुलाई। बैठक के बाद दिल्ली की
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की प्याज के निर्यात पर रोक लगाने की अपील पर
उन्होंने कहा कि वो इस पर विचार करेंगे।
चुनावी
साल में प्याज की बढ़ी हुई कीमतों ने शीला दीक्षित की नींद उड़ा दी है।
प्याज के दामों में कमी लाने के लिए उन्होंने कृषि मंत्री को चिट्ठी लिखकर
मांग की थी कि प्याज के निर्यात में कटौती की जाए ताकि लोगों को सस्ती दरों
पर प्याज मिल सके। मुख्यमंत्री को डर सता रहा है कि 1998 में प्याज की
बढ़ी हुई कीमतों पर बीजेपी सरकार की करारी हार हुई थी।
एक बार फिर प्याज की कीमतें 35 रुपये से
लेकर 40 रुपये तक पहुंच गई हैं। कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि
महाराष्ट्र में फसल को नुकसान हुआ है इस वजह से देश में प्याज की कमी आई
है। दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित की अपील पर उन्होंने कहा कि वो इसपर विचार
करेंगे।
देश
के कई शहरों की मंडियों में प्याज की आवक कम हो गई है। इसके चलते थोक
मंडियों में प्याज के दाम में दोगुना उछाल आ गया है। इसका असर अब खुदरा
बाजार पर भी पड़ रहा है। आजादपुर मंडी में थोक बाजार में 12 रुपये प्रति
किलो मिलने वाला प्याज 23 से 24 रुपये प्रति किलो हो गया है। जिसका खुदरा
बाजार पर भी असर पड़ रहा है।
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