विस्फोट
के 24 घंटे बाद पुलिस दिलसुखनगर में शाम के व्यस्त समय में हुए धमाके वाली
जगह के आसपास किस संदिग्ध व्यक्ति के देखे जाने की जानकारी देने वालों के
लिए इनाम की घोषणा भी की। साइबराबाद पुलिस आयुक्त डी तिरुमला राव ने
शुक्रवार को लोगों से उस इलाके में संदिग्ध परिस्थिति में घूमने वाले युवक
के बारे में सूचना मुहैया कराने की अपील की।
विस्फोट स्थल पर उन्होंने कहा कि अगर आपने
एक युवक को कुछ सामान के साथ और संदिग्ध परिस्थिति में स्कूटर या साइकिल
खड़ी करते हुए देखा हो तो पुलिस को इसकी सूचना मुहैया कराएं। कई सुराग
मिलने का दावा करते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि उन्हें मामले की गुत्थी
सुलझने का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि जांचकर्ता तेज गति से काम में
जुटे हैं।
माना जा रहा है कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज से सबूत निकालने में जुटी है।
केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार की शाम घटनास्थल का दौरा
करने के बाद कहा कि मुझे नहीं लगता कि सीसीटीवी नाकाम रहे। कुछ तस्वीरें
कैद हुई हैं। इलाके में लगे तीन सीसीटीवी कैमरे में से दो में माना जा रहा
है कि कुछ चेहरे कैद हैं, जिनसे पुलिस को दो सिनेमाघरों के सामने बम रखने
वालों को तलाशने में मदद मिल सकती है।
इस
बीच साइबराबाद पुलिस कमिश्नरी के सरूरनगर थाने में दो एफआईआर दर्ज कराने
और मामला सीआईडी को सौंपे जाने के बाद सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विस्फोट स्थल से
सबूत एकत्र किए हैं।
इससे
पहले निजी अस्पतालों में भर्ती घायलों में से दो की मौत होने के बाद हमले
में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 16 हो गई। घायलों में से कुछ की हालत
नाजुक बनी हुई है जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। उधर,
चहल-पहल से भरे रहने वाले दिलसुखनगर रोड पर शुक्रवार को वीरानी छाई रही,
जबकि अस्पतालों का दृश्य दिल दहला देने वाला था।
दिलसुखनगर
साफ दिखाई दे रहे तनाव के बीच वीआईपी का आना-जाना लगा रहा। शिंदे और आजाद
के अलावा केंद्रीय मंत्री एस. जयपाल रेड्डी, के. चिरंजीवी और सर्व
सत्यनारायण, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
एन. चंद्रबाबू नायडू, मजलिस-ए-एत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असादुद्दीन
ओवैसी ने घटनास्थल और अस्पतालों का दौरा किया।
उधर,
पुलिस के लिए शुक्रवार को दिलसुखनगर में भीड़ को काबू करने में काफी
मशक्कत करनी पड़ी। भारतीय जनता पार्टी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से
जुड़े सैंकड़ों लोग विस्फोटस्थल पर जमा हो गए और पाकिस्तान और आतंकवाद के
खिलाफ नारेबाजी की। अपने-अपने संगठनों के झंडे-बैनर के साथ लोग टुकड़ियों
में वहां आते रहे।
दिलसुखनगर
रोड पर अधिकांश दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। भाजपा के
आह्वान पर बंद का शहर के अन्य हिस्सों में आंशिक असर देखा गया। अधिकांश
स्कूल और कॉलेज बंद रहे, हालांकि दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान आम
दिनों की तरह खुले थे। एबिड्स और कुछ अन्य इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं
को दुकानदारों को दुकान बंद करने के लिए कहते देखा गया।
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