संजय दत्त, विवेक ओबरॉय और अरशद वारसी की
फिल्म जिला गाजियाबाद शुक्रवार को रिलीज हो गई। फिल्म में एंटरटेनमेंट के
लिए भरपूर मसाला है लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचते हैं इसके कुछ ऐसे
डायलॉग को कुछ फनी तो कुछ बेतुके से लगते हैं।
1-गांव का सबसे पढ़ा-लिखा और सैक्सफुल (सक्सेसफुल) आदमी है। (परेश रावल एक पुलिसवाले को विवेक ओबरॉय का परिचय देते हुए।)
2-न गोलियों से काम हुआ है, न गालियों से। आप अंग्रेजी में ही झाड़ दीजिएगा, शर्म से ही मर जाएंगे। (परेश रावल विवादित जमीन को लेकर हुए झगड़े से पहले विवेक ओबरॉय को समझाते हुए।
3-अगर प्यार से नहीं आए तो साले के पिछवाड़े में इतनी गोलियां मारूंगा कि उसके बच्चे पीतल के पैदा होंगे। (अरशद वारसी धमकाते हुए)
4-कभी
छल से तो कभी बल से कितनों की लंका ढहाई है, पर इस शहर की हवा में कुछ अलग
ही गर्मी है, इसलिए यहां अक्ल लगाने की बारी आई है। (संजय दत्त गैंगस्टर
से लड़ने का प्लान बनाने के दौरान)
5-कुत्ता कितना भी खतरनाक हो जाए, पर शेर की नहीं ले पाता। (संजय दत्त का डायलॉग)
6-बाप-दादा शिकारी, प्रीतम उनपर भी भारी, अभी कहां आई इनकी बारी। (एक पुलिस कॉस्टेबल संजय दत्त के बारे में बताते हुए)
7-हम कौन से सलमान खान हैं जो कमिटमेंट करके पीछे नहीं हट सकते।
8-याद तो हम माधुरी दीक्षित को भी करते हैं, वो कौन सा मिलती है।
9-सर अपने चिकने हीरो तो चलते नहीं, इसलिए सब संजय दत्त बने फिर रहे हैं।
10-यही तो जिला गाजियाबाद है साहब, यहां कोई हलका नहीं मूतता है।
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