Sunday, February 17, 2013

मोदी पर जेटली और जस्टिस काटजू में ठनी,जुबानी जंग तेज

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन जस्टिस मार्केंडय काटजू और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। बीजेपी नेता अरुण जेटली ने काटजू की तर्ज पर ही लेख लिख कर उन पर तीखा हमला किया। जेटली ने यहां तक लिखा कि अगर उन्हें राजनीति करनी है तो अपना पद छोड़कर खुलकर राजनीति के मैदान में आना चाहिए। जवाब में जस्टिस काटजू ने अरुण जेटली को इस्तीफा देकर राजनीति छोड़ देने की सलाह दी है।
पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना पर बीजेपी भड़क गई है। बीजेपी के बड़े नेता अरुण जेटली ने जस्टिस मार्कंडेय काटजू पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि काटजू कांग्रेस पार्टी के लिए उसके कार्यकर्ता से ज्यादा काम कर रहे हैं। चाहे पश्चिम बंगाल हो या बिहार हो या गुजरात, वहां की राज्य सरकारों पर वो हमला कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि वो अपने बयानों के जरिए रिटायरमेंट के बाद मिले पद के बारे में कांग्रेस सरकार का धन्यवाद देना चाहते हैं। जेटली ने यहां तक कहा कि उनकी अपील पूरी तरह से राजनीतिक है। उन्हें या तो पद से हटा दिया जाना चाहिए या फिर उन्हें खुद पद छोड़कर राजनीति में आ जाना चाहिए। 
दरअसल गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखते हुए काटजू ने यहां तक कह दिया था कि देश के लोगों को सोच-समझकर प्रधानमंत्री चुनना चाहिए। काटजू के इस लेख के बाद जहां अरुण जेटली ने अपने लेख के जरिए उन पर हमला किया तो पार्टी के दूसरे बड़े नेता रविशंकर प्रसाद ने सामने आकर काटजू के बयान को रिटायर्ड जज की गरिमा के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि काटजू ने जो लिखा है, अगर उनके कमेन्ट पॉलिटिकल होने लगेंगे तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की गरिमा का क्या होगा? गैर कांग्रेसी सरकारों के बारे में उनकी टीप्पणी दुर्भाग्यपुर्ण है। मोदी और गोधरा पर उन्होंने लिखा है उन्होंने कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर आजतक कुछ लिखा है? हर पद की गरिमा होती है उसका उल्लंघन उन्हे नही करना चाहिए। 
बीजेपी के इस तीखे हमले के बाद जस्टिस काटजू भी खुलकर मैदान में आ गए। उन्होंने कहा कि जेटली निजी हमले करने में लगे हैं। काटजू यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि तोड़-मरोड़कर तथ्यों को पेश करने वाले अरुण जेटली को राजनीति छोड़ देनी चाहिए। जेटली कहते हैं कि मैं नॉन कांग्रेस पार्टीयों के खिलाफ हूं जो गलत है। मैने वीरभद्र के जर्नलिस्ट के साथ अभद्र व्यवहार पर भी लिखा था। मैने कांग्रेस के खिलाफ भी लिखा है। जेटली ट्विस्ट बहुत करते हैं।
मेरी उनसे गुजारिश है कि वो इस्तीफा दें।
जाहिर है ये जुबानी जंग ऐसे ही रुकती नजर नहीं आ रही है। जस्टिस काटजू जज के तौर पर अपने कैरियर के दौरान भी टिप्पणियों के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके रिटायर होने के बाद कई बयान विवाद भी खड़े करते नजर आए, लेकिन ये पहली बार है कि अपने बयान के कारण वो देश के मुख्य विपक्षी दल से उलझते नजर आ रहे हैं।


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