रूस में शुक्रवार को हुई उल्कापिंड के टुकड़ों की बारिश में हुई
भारी तबाही के मंजर से फैली दहशत अभी खत्म नहीं हुई थी, कि फ्लॉरिडा में
उल्कापिंड दिखाई दिये। दक्षिणी फ्लॉरिडा में रविवार की शाम लोगों ने आसमान
में उल्कापिंड के गोले देखे। उल्कापिंड देखने के बाद कुछ लोग जहां
खगोलीय दृश्यों का लुत्फ उठाने में लगे थे, वहीं दूसरी ओर तमाम लोग दहशत
में आ गये, कि कहीं यहां भी रूस की तरह पत्थरों की बारिश नहीं हो जाये।
हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं।
दक्षिणी फ्लॉरिडा के कोस्ट गार्ड कमांड सेंटर के अधिकारी ने जैसे ही आसमान
में चमक्ती हुई वस्तु देखी, तो उसने तुरंत आलाकमान को सूचित किया। यही
नहीं कोस्ट गार्ड ने ऐतयात के तौर पर चेक करने के लिये हेलीकॉप्टर तक
आसमान में भेज दिया, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा।
असल में फ्लॉरिडा में जो दिखा, वह एक सुदंर नजारा था, लेकिन दहशत
इसलिये फैली, क्योंकि शुक्रवार को रूस के रूराल क्षेत्र में जो हुआ, वो
भयावह था। वहां धरती से 32 मील की ऊंचाई पर 55 फुट लंबी चट्टान टूट कर
तितर-बितर हो गई। इसमें से 500 किलो टन ऊर्जा पैदा हुई, जो कि एक परमाणु बम
से 30 गुना ज्यादा थी। इस दौरान कई इमारतों के शीशे टूट गये। एक
फैक्ट्री की छत गिर गई और करीब डेढ़ हजार लोग घायल हो गये।
वैज्ञानिकों के मुताबिक 643,734 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आया यह
उल्कापिंड जब धरती के वातावरण में घुसा तो उसके 32.5 सेकेंड बाद एक विस्फोट
हुआ और 24 किमी की ऊंचाई पर उसके टुकड़े-टुकड़े हो गये।
इससे पहले वर्ष 1908 में साइबेरिया में एक उल्कापिंड गिरा था। यह
उल्कापिंड उसके बाद दूसरा सबसे शक्तिशाली उल्कापिंड था। चेल्याबिंस्क
में स्थित झील में कई टुकड़े गिरे हैं, उसकी खोजबीन के लिये गोताखोरों की
एक टीम लगायी गई है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक उल्कापिंड के टुकड़ों को
बटोर-बटोर कर रख रहे हैं, ताकि उस पर रिसर्च किया जा सके।
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