हिमाचल प्रदेश सरकार ने तेजी से कार्रवाई
करते हुए शुक्रवार को योगगुरु बाबा रामदेव को 2010 में आवंटित जमीन अपने
कब्जे में ले ली। तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने बाबा को पतंजलि
योगपीठ की शाखा स्थापित करने के लिए आवंटित की थी।
उपायुक्त
मीरा मोहंती ने बताया कि सरकार ने बाबा रामदेव को आवंटित जमीन अपने कब्जे
में ले ली है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की
बैठक में बाबा रामदेव के नाम 96.3 बीघा भूमि का आवंटन रद्द करने का निर्णय
लिया गया था। यह भूमि सोलन जिले में साधुपुल के निकट है। आवंटन में कानूनी
प्रावधानों के उल्लंघन होने की बात कही गई है।
यह भूमि मूल रूप से तत्कालीन पाटियाला
राजघराने की है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इसी
राजघराने के हैं। जमीन कब्जा में लेने वाली टीम में शामिल एक अधिकारी ने
बताया कि बाबा रामदेव ट्रस्ट द्वारा बनाई गई इमारत को खाली कराकर इसे सरकार
के हवाले कर दिया गया है।
भाजपा
सरकार ने यह जमीन योगगुरु को एकमुश्त 17 लाख रुपये की अदायगी पर 99 साल के
लिए दी थी। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के राज्य प्रभारी लक्ष्मी दत्त शर्मा ने
बताया कि हमने अपने कब्जे की पूरी संपत्ति सरकार को सौंप दी है। उन्होंने
बताया कि बाबा रामदेव 27 फरवरी को सोलन जिले की यात्रा करने वाले हैं। वे
यहां अपने निर्धारित तिथि के अनुसार ही पहुंच रहे हैं। उनकी सभा का स्थल अब
निर्धारित किया जाएगा। सरकार ने गुरुवार को कहा था कि बाबा रामदेव के
राज्य में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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