Friday, February 15, 2013

अब चीनी के दाम रोज-रोज बढ़ेंगे, कभी-कभी घटेंगे!

महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को एक और झटका मिलने वाला है। सरकार अब चीनी से सरकारी नियंत्रण हटाने की तैयारी में है। सरकार ये फैसला 15 दिनों में ले सकती है और इसका सीधा असर चीनी की कीमतों पर पड़ेगा। इस फैसले के बाद चीनी मिलें मनमाने तरीके से चीनी के दाम बढ़ा सकेंगी।
दरअसल सरकार ने आम आदमी की सुबह की चाय की प्याली को कड़वी करने की तैयारी कर ली है। सरकार चीनी सेक्टर पर अपना नियंत्रण नहीं रखना चाहती और चीनी की कीमतों से जल्दी ही सरकारी नियंत्रण हटने वाला है। इसके लिए बकायदा कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है। फिलहाल सरकार ये तय करती है कि कब और कितनी चीनी बाजार में बेचनी है। इस हथियार के जरिए सरकार घरेलू बाजार में चीनी के दाम पर काबू रखती है। लेकिन चीनी से सरकारी नियंत्रण हटने के बाद चीनी का दाम बढ़ना तय है। 
सरकार के इस फैसले का असर पीडीएस के जरिए मिलने वाली चीनी की कीमतों पर तो नहीं पड़ेगा। लेकिन खुले बाजार में चीनी की कीमतें तय करने का अधिकार चीनी मिलों को मिल जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन की अगुवाई वाली एक विशेषज्ञ समिति ने चीनी को नियंत्रणमुक्त करने की सिफारिश की थी। समिति ने मिलों को चीनी खुले बाजार में बेचने की पूरी आजादी देने की भी सिफारिश की थी। लेकिन बीजेपी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है। 
इस समय गन्ने का समर्थन मूल्य तय करने से लेकर हर महीने खुले बाजार में चीनी की बिक्री की अनुमति देने तक पर सरकार का नियंत्रण है। जानकार मानते हैं कि चीनी सेक्टर से सरकारी नियंत्रण हटने के बाद चीनी मिलें मुनाफा वसूली के लिए जान-बूझकर सप्लाई कम कर चीनी के दाम बढ़ा सकती हैं।



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