चेन्नई टेस्ट में तीसरे दिन का खेल खत्म
होने तक भारतीय टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 515 रन बना लिए हैं, हालांकि
तीसरे दिन सचिन तेंदुलकर से सबसे ज्यादा शतक की उम्मीद थी लेकिन वो 81 रन
बनाकर लायन की गेंद पर आउट हो गए।
सचिन
और कोहली ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को संभलकर खेल रहे थे। पैटिंसन एक ओवर
में सचिन पर पूरी तरह से हावी रहे। पहले सेशन में एक दौर ऐसा भी आया जब 29
गेंदों तक एक रन नहीं बने। आखरिकार लायन को इस दबाव का फायदा मिला और
उन्होंने तेंदुलकर को आउट कर दिया। सचिन ने 159 गेंदों में 81 रन बनाए जिसमें 7 चौके शामिल थे। टीम इंडिया दबाव में थी और विरोधी टीम को विकेट से मदद मिल रही थी।
तभी
धोनी ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर के खिलाफ एक खास रणनीति लेकर आए। उन्होंने लायन
को हावी ही नहीं होने दिया और उनका लाइन लेंथ पूरी तरह से बिगाड़ दिया।
विराट और धोनी ने मिलकर 149 गेंदों में 128 रनों की साझेदारी की। कोहली ने
206 गेंदों में 107 रन बनाए जिसमें 15 चौके और 1 छक्के शामिल थे। कोहली का
संयम शतक बनाने के बाद जवाब दे गया, लेकिन धोनी इस मैच को अपने नाम करने का
मन बना चुके थे। धोनी ने जल्द ही अपना शतक पूरा कर लिया। भारतीय कप्तान ने
रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर 31 रन जोड़े,
अश्विन
के साथ मिलकर 7 रन और हरभजन सिंह के साथ मिलकर 34 रन जोड़े। जाहिर तौर पर
एक ओवर विकेटों के गिरने का सिलसिला जारी था, लेकिन कप्तान धोनी छोटी छोटी
साझेदारियों में जुटे हुए थे। आखरिकार यूपी के गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार
बल्लेबाजी करने आए और धोनी ने पहले 150 रनों का और फिर देखते देखते 200
रनों का आंकड़ा पूरा कर लिया।
भारत
मैच में 135 रनों का लीड ले चुका है और धोनी समेत दो विकेट बाकी है। ऐसे
में टूटते विकेट और भारतीय स्पिन आक्रमण के सामने ऑस्ट्रेलिया को मुकाबला
कर पाना आसान नहीं होगा।
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