हैदराबाद सीरियल बम धमाके में जांच
एजेंसियों को सुराग मिलने लगी हैं। सूत्रों के मुताबिक धमाके के बाद
हैदराबाद के शाहिन बाग में जम्मू कश्मीर से कॉल आई। करीब आठ कॉल आई। फिलहाल
जांच एजेंसियां इस बारे में ज्यादा खुलासा नहीं करना चाहती हैं।
महाराष्ट्र के नांदेड़ और अहमद नगर में महाराष्ट्र एटीएस की टीम छापेमारी
कर रही है।
जांच एजेंसियों का कहना है
कि महाराष्ट्र के नांदेड़ और अहमद नगर में छापेमारी से कुछ लीड मिल सकते
हैं। लेकिन कोई ठोस लीड की बात करें तो जांच एजेंसियों का कहना है कि इस
बाबत उनके पास कुछ भी ठोस नहीं है। फिलहाल एनआईए, एनएसजी और महाराष्ट्र
एटीएस की टीम हैदराबाद में ब्लास्ट स्थल पर मौजूद हैं। फॉरेंसिक साक्ष्य
उठाए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां जानकारी के आधार पर स्केच बना रही हैं।
जांच
एजेंसियों का दावा है कि अब तक विस्फोटकों से जो सुराग मिले हैं उसके
मुताबिक विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा
विस्फोट के लिए IED का भी इस्तेमाल हुआ। जांच से जुड़े अधिकारियों का दावा
है कि धमाकों में वैसे ही विस्फोटकों को इस्तेमाल हुआ है जिस तरह के
विस्फोटक पुणे धमाके के दौरान इस्तेमाल किए गए थे। विस्फोटक टिफिन बॉक्स
में भरे गए थे और ये टिफिन बॉक्स पुराने हैदराबाद शहर के बने थे। एजेंसियों
ने धमाके के बारे में पूरा ब्योरा जुटाने के लिए 31 चश्मदीदों की सूची
तैयार की हैं।
धमाकों का शक इंडियन मुजाहिदीन के पुणे मॉड्यूल पर है, क्योंकि ये हैदराबाद
के धमाके पुणे के धमाकों से पूरी तरह मेल खा रहे हैं। IED बनाने के लिए
अमोनियम नाइट्रेट, सल्फ्यूरिक एसिड और कुछ ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल
किया गया। मोबाइल ट्रिगर के जरिए ही दोनों धमाके किए गए। पुलिस दिलसुख नगर
में किए गए सारे मोबाइल कॉल्स की डिटेल्स को खंगाल रही है। वहीं जांच
एजेंसियां धमाके से आधे घंटे पहले और आधे घंटे बाद किए गए सारे कॉल की
डिटेल्स निकालने में जुटी हैं। कई गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ की जा रही
है।
No comments:
Post a Comment