पाकिस्तान ने हरमुज की खाड़ी से होकर जाने
वाले जहाजों के रास्ते में पड़ने वाले ग्वादर बंदरगाह का प्रबंधन चीन को
सौंप दिया है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान का यह कदम भारत के हित में
नहीं है। भारत के रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भी छह फरवरी को कहा था कि
पड़ोसी देश के बंदरगाह पर चीन का नियंत्रण चिंताजनक है।
बंदरगाह
का काम पूरा होने के बाद चीन की नौसेना इसका इस्तेमाल कर सकेगी जो भारत की
सामरिक सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। सूत्रों ने बताया कि अरब सागर में
स्थित ग्वादर बंदरगाह के विकास पर आने वाले 24 करोड़ 80 लाख डालर के खर्च
का 80 फीसदी हिस्सा चीन देगा। इस क्षेत्र में पाकिस्तान से पश्चिमी चीन तक
ऊर्जा एवं खाड़ी देशों से व्यापार के लिए कारिडोर खोलने की योजना है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस सिलसिले में जरूरी
दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद उम्मीद जताई कि यह स्थान जल्द ही
क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य का गढ़ बनेगा। गौरतलब है कि चीन ने भारत के
पड़ोसी देशों श्रीलंका के हंबनटोटा और बांग्लादेश के चटगांव में भी
बंदरगाहों के निर्माण में वित्तीय मदद दी है।
No comments:
Post a Comment