370 करोड़ के घूसकांड को लेकर आरोपों की
कीचड़ उछाली जा रही है। सरकार के खिलाफ हमला तेज करते हुए बीजेपी जहां
गांधी परिवार को घेरने की कोशिश में है। इसी कड़ी में बीजेपी नेता किरीट
सोमैया ने राहुल गांधी के करीबी कनिष्क के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई को
चिट्ठी लिखी है। उधर शिवसेना ने पूरे मामले की जेपीसी जांच की मांग की है।
सवाल ये है कि आरोपों के इस खेल में क्या हेलीकॉप्टर डील का सच सामने आ
सकेगा।
दरअसल
हेलीकॉप्टर घोटाले में एनडीए शासनकाल पर सवाल उठने के बाद आखिरकार बीजेपी
ने कांग्रेस पर सबसे तीखा हमला किया। वार भी ऐसा जिससे कांग्रेस को सबसे
ज्यादा चोट लगे। बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सबसे करीबी,
सबसे भरोसेमंद शख्स को कठघरे में खड़ा कर दिया। राहुल गांधी के सलाहकार
कनिष्क सिंह। बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने सीबीआई को चिट्ठी लिखकर ऑगस्टा
वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में कनिष्क सिंह की भूमिका की जांच की मांग की
है। सौमैया ने लिखा है कि ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में भारतीय
कनेक्शन बहुत कुछ बोफोर्स घोटाले की तरह ही है। इटली के अखबार के मुताबिक
दलाली खाने वाले अहम एजेंट क्रिस्चियन मिशैल के पिता कांग्रेस के काफी
करीबी थे। दूसरा दलाल गुइदो हाश्क एम्मार- MGF कंपनी में डायरेक्टर था।
एम्मार- MGF एक रीयल एस्टेट कंपनी है जिसके हिस्सेदार कनिष्क सिंह के पिता
एस के सिंह हैं। कनिष्क सिंह राहुल गांधी के बहुत करीबी हैं और उनके
राजनीतिक सचिव भी रह चुके हैं। एम्मार- MGF ने सेबी को जानकारी दी है कि
हाश्क इस कंपनी में सितंबर 2009 में निदेशक था लेकिन घोटाला सामने आने के
बाद उसने दिसंबर 2009 में इस्तीफा दे दिया। आरोप है कि कनिष्क सिंह से
संबंधों के चलते एम्मार- MGF को फायदा मिला।
किरीट सौमैया का ये भी आरोप है कि कॉमनवेल्थ खेल के दौरान खेल गांव बनाने
की सबसे बड़ी डील भी एम्मार-MGF के साथ हुई थी और इस पर भी सवाल उठ चुके
हैं। कुल मिलाकर अपनी इस चिट्ठी में किरीट सौमैया ने कांग्रेस पर दो तरीके
से वार किया है। किरीट ने पहले दलाल क्रिस्चियन मिशैल को कांग्रेस पार्टी
के साथ जोड़ा है। ये कहा है कि जिस मिशैल ने दलाली की 60 फीसदी रकम यानि
210 करोड़ लिए, उसके पिता कांग्रेस के करीबी थे। दूसरे दलाल गुइदो हाश्क के
जरिए सौमैया ने राहुल गांधी के दाहिने हाथ माने जाने वाले कनिष्क सिंह को
कठघरे में खड़ा कर दिया है।
हेलीकॉप्टर घोटाले में पूर्व वायुसेना
अध्यक्ष एस पी त्यागी के बाद कनिष्क सिंह दूसरा सबसे बड़ा नाम है। राहुल
गांधी को करीब से जानने वालों की मानें तो बिना कनिष्क सिंह की मर्जी के
कांग्रेस में पत्ता भी नहीं खड़कता। कनिष्क ही ये तय करते हैं कि राहुल
गांधी को दिन भर में किस-किस से मिलना है। राहुल को आने वाले दिनों में
कहां का दौरा करना है। राहुल गांधी के वॉर रूम में सबसे अहम चेहरा कनिष्क
सिंह का ही है। कहा जाता है कि राहुल गांधी कनिष्क पर आंख मूंद कर भरोसा
करते हैं।
कभी
इनवेस्टमेंट बैंकर रहे इस शख्स पर सोनिया गांधी भी पूरा भरोसा करती हैं।
इसकी एक वजह ये भी है कि कनिष्क सिंह के पिता एस के सिंह राजस्थान के
राज्यपाल थे और गांधी परिवार के करीबी भी। इसलिए हेलीकॉप्टर घोटाले में
कनिष्क सिंह का नाम उछलने का सीधा मतलब है कि गांधी परिवार को घेरने की
कोशिश शुरू हो गई है। CBI को चिट्ठी लिखने के अलावा बीजेपी ने इटली की
अदालत में दायर चार्जशीट का भी हवाला देना शुरू कर दिया है।
वैसे
नए खुलासे और आरोपों के सामने आने के बाद अब तक कनिष्क सिंह ने इस बारे
में कोई बयान नहीं दिया है। उधर कांग्रेस ने बीजेपी ने नए आरापों को सिरे
से खारिज कर दिया है। इस बीच एम्मार- MGF ने भी विवाद में अपना नाम आने पर
सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि गुइदो हाश्क सिर्फ दो महीने के लिए कंपनी
में नॉन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे। हाश्क की नियुक्ति इसलिए की गई थी
नियमों के मुताबिक कंपनी को स्वतंत्र निदेशकों की जरूरत थी। उस वक्त कंपनी
का IPO आने वाला था। हाश्क को उनके अनुभव के आधार पर निदेशक बनाया गया।
एम्मार-MGF ये कहना चाहती है कि हाश्क ने कंपनी की किसी बोर्ड मीटिंग में
हिस्सा नहीं लिया, ना ही कभी वो हमारे दफ्तर आए और ना ही हमारे किसी
अधिकारी से मुलाकात की। हाश्क ने कभी एम्मार-MGF का प्रतिनिधित्व भी नहीं
किया है।
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