Tuesday, February 19, 2013

आज और कल सबकुछ बंद, देशभर में जारी हैं प्रदर्शन

आने वाले दो दिन काफी भारी पड़ने वाले हैं। आज से देश भर के ट्रेड यूनियनों ने दो दिनों के हड़ताल की घोषणा की है। करीब ढाई करोड़ लोगों के हड़ताल पर जाने की आशंका के चलते बैंकिंग, इंश्योरेंस, टेलीकॉम, पोस्टल, तेल और गैस सेक्टर के कामकाज पर असर पड़ेगा। इसके अलावा सरकारी बसों, ऑटो और टैक्सी को लेकर भी मुसीबतें झेलनी पड़ सकती है।
दो दिन तक चलने वाले हड़ताल का असर दिखने लगा है। अंबाला में रोडवेज के एक कर्मचारी की धक्का-मुक्की के दौरान बस की चपेट में आने से मौत हो गई। यहां रोडवेज कर्मचारियों में बस चलाने को लेकर धक्का-मुक्की हुई। बंद को सफल बनाने के लिए कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान एक रोडवेज कैशियर बस की चपेट में आ गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे गुस्साए साथी कर्मचारियों ने डीसीपी अंबाला की गाड़ी में तोड़फोड़ की और डिपो के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई।
दिल्ली में आधी रात से ही ऑटो और टैक्सियों ने चलना बंद कर दिया। कुछ ऑटो वालों ने मुसाफिरों को उनकी मंजिल तक ले जाना चाहा, तो उनसे मारपीट की गई। जबरन उन्हें भी बंद में शामिल किया गया। यानी सभी ऑटो ड्राइवर अपनी मर्जी से हड़ताल में शामिल नहीं हैं उनकी गाड़ियां जबरन रोकी जा रही है।
रेड यूनियनों की क्या हैं मांगें
मजदूर संगठनों की नजर में हड़ताल ही अकेला रास्ता बचा है जिससे सरकार को सुनने के लिए मजबूर किया जा सकता है। उनकी मांग है कि
- महंगाई के लिए जिम्मेदार सरकार की नीतियां बदली जाएं।
- महंगाई को देखते हुए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई जाए।
- सरकारी संगठनों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए।
- आटसोर्सिंग की जगह स्थायी आधार पर कर्मचारियों की भर्ती हो।
- सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को न बेचा जाए।
- बैंकों के विलय की नीति न लागू की जाए।
- केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी हर 5 साल में वेतन में संशोधन हो।
- नई पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी लागू की जाए।
- श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी बदलाव की कोशिश न की जाए।
हड़ताल के व्यापक असर को भांपते हुए प्रधानमंत्री को एक दिन में दो बार हड़ताल न करने की अपील करनी पड़ी। हालांकि इस अपील का ट्रेड यूनियनों पर कोई असर नहीं पड़ा। इस हड़ताल से देश के हर हिस्से के लोग प्रभावित होंगे। इसलिए आज जब आप घर से बाहर निकलें तो पूरी जानकारी जुटाकर निकलें ताकि आप किसी परेशानी में न फंसे।
बंद से कौन-कौन से सेक्टर बेअसर हैं
- मुंबई में बेस्ट की बसें, दिल्ली में डीटीसी बसें हड़ताल में शामिल नहीं हैं।
- मुंबई में 32 हजार काली-पीली टैक्सी और 3 हजार कूल कैब बेअसर।
- बेस्ट की 4 हजार बसें, 272 एसी बसें सड़कों पर
ऑटो की हड़ताल के चलते जरूरत पड़ने पर और बसें लगाई जाएंगी।
- दिल्ली मेट्रो का दावा मेट्रो सेवा पर कोई असर नहीं है। जरूरत पड़ी तो मेट्रो बढ़ाई जा सकती हैं।
- स्कूल बसें हड़ताल में शामिल नहीं होंगी।
- एटीएम और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर असर नहीं है।
- छोटे या फुटकर व्यापारी बंद में शामिल नहीं
दूध, पानी, बिजली जैसी जरूरी सेवाओं पर असर नहीं।


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