केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने सरकारी दफ्तरों
और निजी कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने तथा कामकाजी महिलाओं
के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंगलवार को
राज्यसभा में महिला यौन उत्पीड़न (निरोधक) विधेयक पेश किया। जिसे संसद ने
मंजूरी दे दी।
विधेयक पेश करते हुए तीरथ ने कहा कि इस विधेयक के अंतर्गत संगठित तथा
असंगठित दोनों क्षेत्रों को शामिल किया गया है तथा इसके अंतर्गत घरेलू
श्रमिकों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, "इस विधेयक का उद्देश्य
कामकाजी महिलाओं को, चाहे वे संगठित क्षेत्र की हों या अंसठित क्षेत्र की,
कामकाज का स्वतंत्र माहौल उपलब्ध कराना है।"
यह विधेयक सरकारी एवं निजी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के
लिए लाभदायक होगा। तीरथ ने कहा कि सभी नियोक्ताओं को अपने यहां यौन
उत्पीड़न मुक्त वातावरण बनाने तथा यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए
एक आंतरिक समिति के गठन की जरूरत है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि महिलाओं की
सुरक्षा से संबंधित पहले से ही 48 विधेयक हैं, जरूरत है तो इन कानूनों को
प्रभावी तरीके से लागू किए जाने की।
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