दिल्ली के सराय काले खां इलाके में
एक महिला की हत्या के मामले में पुलिस को किरण नाम की एक महिला की तलाश है।
ये महिला मौका ए वारदात पर आरोपी मुंशी राम के साथ थी। जब महिला को गोली
मारी गई , उससे पहले तक किरण नाम की महिला मुंशी राम से बातें कर रही थी।
गौरतलब
है कि रविवार को सराय काले खां में 25 साल की महिला की सरेआम गोली मारकर
हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि शराब के नशे में धुत मुंशी राम ने
महिला से छेड़खानी की और विरोध करने पर गोली मार दी। आरोपी को वहां मौजूद
लोगों ने ही पकड़ लिया। मुंशी राम को आज दोपहर 2 बजे साकेत कोर्ट में पेश
किया जाएगा।
उधऱ, दिल्ली पुलिस का कहना है कि छेड़छाड़
की वजह से गोली नहीं मारी गई, बल्कि ये मामला आपसी रंजिश का है। दिल्ली
गैंगरेप की घटना के ढाई महीने बाद सरेआम हुई इस वारदात ने राजधानी में
महिलाओं की सुरक्षा के मसले को गर्मा दिया है।
रविवार शाम करीब 8 बजे सराय काले खां में
महिलाओं की सुरक्षा के तमाम सरकारी दावों की धज्जियां उड़ा दी गईं। यहां
अपने पति के साथ सड़क पर खड़ी 25 साल की एक महिला को गोली मार दी गई। मारी
गई महिला का नाम पूजा है। वो यहां अपने पति मोहन प्रसाद के साथ खड़ी थी।
तभी शराब के नशे में धुत एक शख्स आया और थोड़ी देर बाद महिला को गोली मार
दी।
चश्मदीदों
के मुताबिक आरोपी शख्स महिला के साथ छेड़खानी कर रहा था, महिला ने इसका
विरोध किया तो उसने तीन राउंड फायर कर दिए। मौके पर मौजूद लोगों की मानें
तो जिस जगह पर हत्या हुई वहां से पुलिस सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर थी, लेकिन
पुलिसवालों को मौके पर पहुंचने में 10 मिनट से ज्यादा का वक्त लग गया।
लोगों ने ही हत्या करके भाग रहे लड़के को धर-दबोचा। इस बीच पुलिसवाले
पीसीआर वैन में बिठाकर जख्मी महिला को एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले गए, लेकिन
उसकी मौत हो गई।
दिल्ली
को दहला देने वाले इस वाकये के करीब 4 घंटे बाद पुलिस के आला अफसर मौके पर
पहुंचे। पुलिस के मुताबिक मारी गई महिला दिल्ली के भजनपुरा इलाके की थी।
जिस आदमी ने उसे गोली मारी उसका नाम मुंशी यादव है। पुलिस को इस शख्स के
पास से एक कट्टा और 7 राउंड गोलियां मिली हैं। जिस जगह पर इस वारदात को
अंजाम दिया गया, वो रिंग रोड पर पड़ता है। पास में ही बस स्टॉप है, और कुछ
ही दूरी पर निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन है। शाम के 8 बजे यहां काफी आवाजाही
होती है। इसके बावजूद एक शख्स का शराब के नशे में धुत होकर, हथियार लेकर
यहां तक आ जाना। पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल खड़े करता है।
पुलिस
के मुताबिक मारी गई महिला और आरोपी दोनों एक दूसरे को डेढ़ साल से जानते
हैं। पुलिस का दावा और चश्मदीदों का दावा काफी अलग-अलग है। चश्मदीदों की
मानें तो छेड़खानी हुई जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही है। किसका दावा सही
है। ये जांच के नतीजे पर निर्भर है, लेकिन जिस तरह एक महिला को राजधानी की
सबसे भीड़भाड़ वाली सड़क पर गोली मारी गई। उससे ये सवाल उठने लगा है कि
क्या दिल्ली पुलिस वारदात के बाद सिर्फ तफ्तीश करने के लिए रह गई है?
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