त्रों की मानें तो संसद पर हमले के दोषी
अफजल गुरु का शव कब्र से निकालकर उसके घऱ भेजा जा सकता है। बताया जा रहा है
कि इस संबंध में राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को चिट्ठी भी भेजी गई
है। इसके अलावा कश्मीर में लगातार हो रहे प्रदर्शनों और नेशनल कांफ्रेंस
के रुख के चलते सरकार अफजल के शव को कश्मीर भेजने पर विचार करने को मजबूर
हो गई है।
इस
मामले में फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट में
ही होगा। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इस
बाबत केंद्र सरकार को राज्य सरकार की तरफ से चिट्ठी मिली है। इसके अलावा
अफजल गुरु की पत्नी ने भी रविवार को कहा कि उन्हें दिल्ली में तमाम नेताओं
और अधिकारियों की ओर से इस बात का आश्वासन मिला है।
अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी और यहीं दफना दिया गया था। इसे
लेकर कश्मीर में कर्फ्यू भी लगाया गया ताकि किसी तरह का हिंसक विरोध ना
हो। लेकिन फांसी से पहले अफजल को परिजनों से मिलने ना देने का मौका और उसके
शव को घरवालों को ना सौंपने को लेकर सरकार की लगातार आलोचना होती रही। ना
सिर्फ अफजल के घरवालों बल्कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी इसका विरोध जताया।
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