Tuesday, February 19, 2013

आज और कल आपकी एक नहीं सुनेंगे सरकारी कर्मी

अगले दो दिन भारी पड़ने वाले हैं। आज से देश भर के ट्रेड यूनियनों ने दो दिनों के हड़ताल की घोषणा की है। इसमें एक अनुमान के मुताबिक ढाई करोड़ लोगों के हड़ताल पर जाने की आशंका है। हड़ताल के वजह से बैंकिंग, इंश्योरेंस, इनकम टैक्स, टेलीकॉम, पोस्टल, तेल और गैस सेक्टर के कामकाज पर असर पड़ेगा। बैंकों में तो अगले दो दिन काम नहीं ही होंगे। इसके अलावा सरकारी बसों, ऑटो और टैक्सी को लेकर भी मुसीबतें झेलने पड़ सकती है।
दरअसल अगले दो दिनों तक देश के ठप होने की आशंका है। अगले दो दिनों तक बैंकों में नहीं हो पाएगा आपका कोई काम। ट्रेड यूनियनों ने अगले दो दिन तक देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। 20 और 21 फरवरी को भारतीय मजदूर संघ और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की तरफ से बुलाई गई इस हड़ताल में 11 सेंट्रल यूनियनें हिस्सा लेंगी। दो दिन की इस हड़ताल में देश भर के ढाई करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान है। यानि आने वाले दो दिन देश पर भारी पड़ने वाले हैं। 
इस हड़ताल की खबर से केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक में खलबली मच गई है। सवाल ये है कि आखिर वो ट्रेड यूनियनों की सभी मांगे कैसे पूरी करेगी। कर्मचारी यूनियनों की मांग है कि तेल की कीमतों को बढ़ने से रोका जाए। निजीकरण, आउट सोर्सिंग, बढ़ती कीमतें और महंगाई पर लगाम लगे।
कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाई जाए। रोजगार के नियम लागू किए जाएं। न्यूनतम मजदूरी तय की जाए। बैंकों में कर्मचारियों के वेतन संशोधन लागू हों। खुदरा क्षेत्र में खाली पड़े पद भरे जाएं। सभी को पेंशन, भविष्य निधि और बोनस मिले। एफडीआई वापस लिया जाए। विदेशों में जमा कालाधन वापस लाया जाए। ट्रेड यूनियनों की मांग लंबी चौड़ी है। और उन्हें देश के हर कोने से इन मागों पर समर्थन मिलने की भी उम्मीद नजर आ रही है।
मुंबई में भले ही ऑटो, टैक्सी और बेस्ट चले। लेकिन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों से अच्छी खबरे नहीं आ रही है। यहां बैंकों के अलावा, सरकारी दफ्तर, बसें, ऑटो और टैक्सी वाले भी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि इस हड़ताल का एटीएम, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, दूध, पानी, बिजली, गैस सप्लाई, स्कूली बसों, मेट्रो रेल की सेवाओं, छोटे या फुटकर व्यापारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केंद्र और राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों से इस हड़ताल से दूर रहने की अपील की है। साथ ही केंद्र सरकार ने चेतावनी भी दी है कि उन्हें वेतन कटौती और अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश के 25 लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल जाएंगे। इससे कई सेवाएं बाधित होंगी। हड़ताल के संभावित असर के बारे में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद यूपी के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने जानकारी दी।


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