केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम का
पिटारा खुल गया और चुनावी बजट बाहर आ गया। बजट में उन्होंने अमीरों का
टैक्स बढ़ा दिया है लेकिन मिडिल क्लास पर टैक्स का कोई नया बोझ नहीं डाला
है। टैक्स स्लैब्स से कोई छेड़खानी नहीं की गई है।
महिलाओं
और युवाओं को लुभाने की पूरी कोशिश की गई है। चिदंबरम एक साथ आर्थिक
चुनौतियां और चुनावी जरूरतों से जूझते नजर आए। उन्होंने विदेशी निवेश
बढ़ाने पर खासा जोर दिया तो यूपीए सरकार की पुरानी योजनाओं के लिए भी पैसे
देने में कोताही नहीं बरती।
जैसी की उम्मीद थी सुपर रिच क्लास पर वित्त
मंत्री की टेढ़ी नजर रही और मिडिल क्लास पर चिदंबरम थोड़े मेहरबान नजर आए।
चिदंबरम ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स दरें बढ़ाना तो उचित नहीं है लेकिन टैक्स
बेस को बढ़ाना जरूरी है। चिदंबरम ने पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में कोई
बदलाव नहीं किया। उन्होंने 2 से 5 लाख के स्लैब में राहत का ऐलान किया और
टैक्स क्रेडिट में 2000 हजार की छूट का ऐलान किया। दूसरी तरफ एक करोड़ रुपए
से ऊपर की आमदनी वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाकर उन्होंने अमीरों को अपने
निशाने पर लिया। चिदंबरम ने 10 करोड़ की आमदनी वाली कंपनियों पर 10 फीसदी
सरचार्ज का भी ऐलान किया।
चिदंबरम ने
पूरी तरह से महिलाओं के लिए समर्पित एक विशेष सरकारी बैंक का भी ऐलान किया
जो अक्टूबर से काम करना आरंभ कर देगा। ये बैंक महिलाओं द्वारा ही संचालित
होगा और महिला उद्यमियों, कामकाजी व घरेलू महिलाओं की बेहतरी के लिए काम
करेगा। इस बैंक के लिए बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
सिंगल वुमन और विधवाओं के कल्याण के लिए 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए
हैं। गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए बजट में 300 करोड़ रुपये स्वीकृत
किए गए हैं। एससी-एसटी वर्ग की छात्राओं के कल्याण के लिए 700 करोड़ रुपये
स्वीकृत किए गए हैं। महिला विकास के लिए 97 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
किया गया।
बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त
और सुरक्षित बनाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। इसके लिए एक
हजार करोड़ रुपये के सरकारी अंशदान से निर्भया निधि बनाने का प्रस्ताव
किया गया है। निर्भया उस लडकी का काल्पनिक नाम है जिसका दिल्ली में चलती बस
में गैंगरेप किया गया था और बाद में उसकी जान चली गई थी।
बजट
में स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय को 37330 करोड़ रुपये देने का
प्रस्ताव है। इसमें से 21239 करोड़ रुपये नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के
लिए होंगे जिसमें ग्रामीण मिशन और प्रस्तावित शहरी मिशन दोनों शामिल हैं।
यह राशि चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 24.3 प्रतिशत अधिक है।
बजट
में चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए 4727 करोड़ रुपये देने
का प्रस्ताव है। बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के राष्ट्रीय कार्यक्रम
के लिए 150 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह कार्यक्रम 21 राज्यों के 100 जिलों
में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आठ चिकित्सा केंद्र चलाए जा
रहे हैं।
आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और
होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग को 1069 करोड़ रुपये देने का
प्रस्ताव है। एम्स जैसे छह संस्थान सितंबर 2012 से शुरू हो गए हैं। इन
संस्थानों में अगले वर्ष अस्पताल बनाने होंगे जिनके लिए 1650 करोड़ रुपये
देने का प्रस्ताव है।
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