केंद्र सरकार ने वीवीआईपी के प्रयोग
के लिए 12 एडब्ल्यू 101 हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए हुए अनुबंध को रद्द
करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने औपचारिक रूप से ऑगस्टा
वेस्टलैंड कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसमें अनुबंध को रद्द करने
और अनुबंध की शर्तों के अनुसार अन्य कार्रवाई करने की बात भी कही गई है।
रक्षा
मंत्रालय ने कंपनी को और अदायगी करने पर बुधवार को पहले ही रोक लगा दी थी।
आज के कारण बताओ नोटिस के साथ अनुबंध के संचालन पर रोक लग गई है। कंपनी से
नोटिस पर अपना जवाब सात दिन के भीतर देने को कहा गया है।
रक्षा मंत्रालय ने इटली स्थित हेलीकाप्टर की
निर्माता कंपनी, फिनमेक्केनिका के प्रमुख की रिश्वत के आरोप में हुई
गिरफ्तारी के बाद 12 'वीवीआईपी ऑगस्टा वेस्टलैंड' हेलीकॉप्टर के 75 करोड़
डॉलर के सौदे की मंगलवार को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
यह
पहला वाकया नहीं है जब हेलीकॉप्टर सौदे पर इस तरह के आरोप सामने आए हैं।
वायुसेना को तीन हेलीकॉप्टर पहले ही सौंपे जा चुके हैं और पहला दिसम्बर
2010 में सौंपा गया था। हेलीकॉप्टर के लिए समझौता फरवरी 2010 में किया गया
था।
वायुसेना
ने एमआई-17 कार्गो हेलीकॉप्टरों की जगह ऑगस्टा वेस्टलैंड की मांग की थी,
जिसमें अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिहाज से सुधार किया गया। जबकि नियंत्रक
एवं महालेखा परीक्षक ने इसे संसाधनों की बर्बादी बताया था।
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