महाराष्ट्र के कई इलाकों में सूखा पड़ा है।
एक तरफ लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। तो वहीं मंत्री के बच्चों की
शादी में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। बुधवार को नगर विकास राज्य
मंत्री भास्कर जाधव के बच्चों की शाही अंदाज में शादी हुई। सजावट और खाने
के इंतजाम पर लाखों रुपये फूंके गए। और सबसे शर्मनाक बात ये रही कि ये सारा
तामझाम एक ठेकेदार के पैसों से किया गया।
दरअसल
बुधवार को महाराष्ट्र के चितलून में शाहीनुमा पंडाल में महाराष्ट्र के नगर
विकास मंत्री भाष्कर जाधव के बेटे और बेटी ने सात फेरे लिए। मौका दो-दो
शादियों का था लिहाजा मंत्रीजी ने खर्च भी दोनों हाथों से किए। अपनी दौलत
और अपनी रसूख की खुलकर नुमाइश की। सजावट से लेकर खाने-पीने पर अंधाधुंध
पैसे फूंके गए। शादी मंत्री के बेटे-बेटी की थी लिहाजा भीड़ भी खूब जुटी।
खुद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान मुंबई से पधारे तो उपमुख्यमंत्री अजीत
पवार भी आए। बताया जाता है कि शादी में करीब 80 हजार लोगों ने शिरकत की।
शादी के लिए पांच हैलिपेड बनाए गए थे तो करीब एक लाख लोगों के लिए खाने का
इंतजाम किया गया था।
वहीं आधा महाराष्ट्र सूखे की चपेट में है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे
हैं। खेत दरक रहे हैं, मवेशी तिल-तिलककर मर रहे हैं। हर तरफ हाहाकार मचा
है। लेकिन सूखे से जल रहे इस महाराष्ट्र से शायद मंत्री महोदय को कोई
सरोकार नहीं। होता तो माननीय मंत्री बच्चों की शादी पर यूं बेतहाशा खर्च
नहीं करते। खैर, नगर विकास मंत्री के बच्चों की ये शाही शादी एनसीपी
अध्यक्ष शरद पवार को बुरी तरह नागवार गुजरी। पवार ने पार्टी कोटे से मंत्री
भाष्कर जाधव को तलब किया और जमकर फटकार लगाई।
एक तरफ पानी के अभाव में दम तोड़ते लोग और दूसरी तरफ बच्चों की शादी पर
पानी की तरह पैसा बहाते मंत्री। लेकिन इस मामले में नगर विकास मंत्री एक और
वजह से सवालों के घेरे में है। दरअसल मंत्री के बच्चों की शादी का सारा
इंतजाम एक ठेकेदार ने किया। ठेकेदार के पास महाराष्ट्र की कोयना परियोजना
में कंस्ट्रक्शन का काम है। लेकिन मंत्री भाष्कर जाधव को इसमें कुछ भी गलत
नहीं लगता। साफ है भाष्कर जाधव खुद मान रहे हैं कि मदद की एवज में ठेकेदार
ने शादी का सारा इंतजाम किया। अब सवाल ये है कि क्या शरद पवार अपने इस
असंवेदनशील मंत्री पर कोई कार्रवाई करेंगे या सिर्फ फटकार की रस्म अदायगी
कर इन्हें यूं ही छोड़ दिया जाएगा।
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