सीरिया ने कहा है कि वह देश के विपक्षी
समूहों से सुलह की खातिर बातचीत के लिए तैयार है। यह पहला मौका है जब
विद्रोही बलों को लंबे समय तक खारिज करने के बाद सरकार ने उनसे प्रत्यक्ष
बातचीत के लिए प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल यह साफ नहीं हो
पाया है कि राष्ट्रपति बशर अल असद के अंदरूनी नीति निर्धारकों में शामिल
नहीं किए जाने वाले अली हैदर की टिप्पणी से सरकार की नीतियों में कोई ठोस
बदलाव आएगा।
हैदर
ने जनवरी में कहा था कि धोखेबाजों या पश्चिमी देशों की कठपुलियां कहे जाने
वालों के साथ किसी तरह की बातचीत नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम,
सरकार और निजी रूप से मैं बिना किसी पूर्वाग्रह के विपक्षी समूहों के साथ
मुलाकात करेंगे। हैदर ने विस्तृत जानकारी देसे इनकार करते हुए कहा कि
राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीति के विपरीत और हथियारों का उपयोग करने वाले
सभी लोगों से बातचीत का प्रयास किया जाएगा।
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