Tuesday, February 12, 2013

शिवसेना के साथ गठबंधन से राज ठाकरे का इनकार

एमएमएस प्रमुख राज ठाकरे ने शिवसेना के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया है। बालासाहब ठाकरे के निधन के बाद वो कोल्हापुर में पहली रैली कर रहे थे। शिवसेना प्रमुख उद्धव ने पिछले दिनों राज से दोस्ती का प्रस्ताव रखा था। उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है।
एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने कोल्हापुर में पार्टी के मंच से साफ कर दिया कि उनका उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाने का कोई इरादा नहीं। यही नहीं वो शिवसेना के साथ किसी तरह के गठबंधन को भी तैयार नहीं हैं। बाल ठाकरे के निधन के बाद से इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही थी कि दोनों भाई अपने गिले-शिकवे भुलाकर एक दूसरे से हाथ मिला सकते हैं। पिता की मृत्यु के बाद शिवसेना अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे उद्धव ठाकरे ने सामना में दिए इंटरव्यू में ऐसे संकेत दिए थे कि राज दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं तो वो उसे थामने को तैयार हैं। 
अब तक इस सवाल पर चुप्पी साधे राज ने कोल्हापुर में ये प्रस्ताव पूरी तरह ठुकरा दिया। राज ने कहा कि आज मेरे दिमाग में गठबंधन को लेकर कोई विचार नहीं है। मुझे जो करना है अपने दम पर करूंगा और इसीलिए मैं महाराष्ट्र के दौरे पर हूं। दरअसल सामना में उद्धव ठाकरे से ये सवाल पूछा गया था कि क्या उद्धव और राज भविष्य में एक-साथ आएंगे?  
इस पर उद्धव ने कहा था कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। बजती है क्या ? इस सवाल का जवाब सिर्फ मुझसे कैसे मांग सकते हैं? मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं, लेकिन जवाब ही चाहिए तो उसके लिए आपको 'दोनों' यानि हमें एक साथ आमने-सामने बैठाओ। अगल-बगल बिठाओ और फिर ये सवाल आप दोनों से एक साथ पूछें तो अच्छा होगा। इस सवाल का जवाब दोनों तरफ पर निर्भर है एक तरफ पर नहीं।
जानकारों के मुताबिक राज की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना शिवसेना के लिए सिरदर्द बन चुकी है। हर चुनाव में वो शिवसेना के वोट बैंक में सेंध लगाती है। बाल ठाकरे के निधन और शिवसेना अध्यक्ष के बयान के बाद एमएनएस के कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, इसलिए देर से ही सही लेकिन कोल्हापुर के राजनीतिक मंच से उन्होंने इस ऊहापोह को खत्म कर दिया।
हालांकि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में एमएनएस अभी तक कुछ खास करिश्मा नहीं दिखा पाई है। मुंबई, नासिक, पुणे और ठाणे के बाहर पार्टी अपनी जड़ें जमाने में कामयाब नहीं हो पाई है। यही वजह है कि राज ठाकरे महाराष्ट्र का दौरा कर ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

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