सवाल ये है कि जब इस मुल्क में
फिल्मों पर अंतिम फैसला लेने वाला सेंसर बोर्ड मौजूद है तब फिर कमल हासन की
फिल्म को सर्टिफिकेट मिलने के बाद बैन करने का क्या अर्थ है। वैसे तो कमल
हासन फिल्म से विवादास्पद हिस्से हटाने को तैयार हो गए हैं। लेकिन इस विवाद
से वो बुरी तरह आहत हैं और बुधवार को मुंबई पहुंच कर उन्होंने फिर भारत
छोड़ने वाले अपने बयान को याद किया। उधर, कमल हासन के समर्थन में पूरा
फिल्म जगत खड़ा नजर आया, खास तौर पर सलमान खान।
दरअसल
विश्वरूपम ने ऐसा तूफान खड़ा किया है कि उसका असर पूरे भारतीय फिल्मोद्योग
पर नजर आ रहा है। फिल्म उद्योग सहमा हुआ है। कई बार विवाद फायदा पहुंचाते
हैं। लेकिन यहां तो कमल हासन की जिंदगी भर की पूंजी दांव पर लगी है। उनके
छह साल की मेहनत पर पानी फेरने की कोशिश हो रही है। वो घूम घूम कर सफाई
देते नजर आ रहे है। सवाल ये है कि कितने लोगों को सफाई दें और कब तक।
बॉलीवुड से कमल हसन के लिए सबसे दबंग आवाज गूंजी अभिनेता सलमान खान की। वो
कमल के पक्ष में लगातार ट्विट करते नजर आ रहे हैं। जो भी कलाकार कमल के
पक्ष में बयान दे रहा है उसकी आवाज को बुलंद करते नजर आ रहे हैं। सलमान खान
तो चाहते हैं कि उनके सारे फैन्स भी विश्वरूपम देखने के लिए सिनेमाहॉल
पहुंचे।
सलमान अपने फैन्स का आह्वान कर रहे हैं। सिर्फ सलमान ही नहीं हैं जो फिल्म
पर रोक के खिलाफ हैं। पूरा फिल्म जगत एकजुट नजर आ रहा है। हर शख्स इस बात
को समझ रहा है कि आज अगर कमल हसन की बारी है तो कल उनकी होगी। और वो हर
किसी को कैसे जवाब देते घूमेंगे। कई तो है जो इस विरोध के इस आग की आंच में
झुलस चुके हैं। कई हैं जिनकी फिल्में विरोध की वजह से नुकसान उठा चुकी है।
वो चाहते हैं अब ये सब बंद हो। हर किसी को सफाई देने का सिलसिला रुके।
अक्षय कुमार ने कहा कि हाल में मेरी फिल्म खिलाड़ी 786 के गाने पर लोगों को
परेशानी हो गयी थी।
लेकिन लोग समझने के लिए तैयार नहीं है।
फिल्में सियासत और लोगों के विरोध की आग में झुलसती रहती हैं। लेकिन इस बार
बॉलीवुड चुप नहीं है। वो अपने कमल सर के लिए ट्विटर पर आवाज उठा रहा है।
फरहान अख्तर- फिल्मकार को परेशान करने के साथ ही ये सेंसर बोर्ड के साथ भी मजाक है।
सोनम कपूर- भगवान बचाए हमें। मैं अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करती हूं। बिना इसके लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है।
महेश
भट्ट- अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। हम पर सत्ता के नशे में चूर
नेताओं का राज चल रहा है या फिर कानून का राज चल रहा है।
प्रीतिश नंदी- काल्पनिक कहानियों पर बनी फिल्म का जब ये हाल है। तो सोचिए अगर हम वास्तविक घटनाओं पर फिल्म बनाएंगे तो क्या होगा।
सिर्फ
कमल हासन ही नहीं पूरा बॉलीवुड आहत है। पूरा फिल्म उद्योग आहत है। वो
सरकारों के रवैये पर सवाल उठा रहा है। वो सवाल उठा रहा है कानून का पालन
कराने वालों पर। लेकिन वो तो दबाव गुटों, विरोधों के आगे अपनी मजबूरी जता
रहे हैं। वो तो ये बता रहे हैं कि वो एक फिल्म से उनका पूरा राज्य
असुरक्षित हो जाएगा। वो ये कह रहे हैं कि उनके पास सुरक्षा मुहैया कराने के
लिए पुलिस ही नहीं है।
No comments:
Post a Comment