गौतम गंभीर के बाहर होते ही भारतीय
क्रिकेट टीम की सबसे सफल सलामी जोड़ी टूट गई हैं। वीरेंद्र सहवाग और गौतम
गंभीर की जोड़ी ने भारतीय क्रिकेट में जीत की कई कहानियां लिखी, लेकिन अब
वीरू को नए जोड़ीदार मिल गए हैं, और दिल्ली के दो दिलेरों की ये जोड़ी टूट
गई है। दोनों ने मिलकर 87 पारियों में 52.2 की औसत से 4412 रन बनाए हैं।
विश्व
क्रिकेट की सबसे सफल सलामी जोड़ियों में गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग का
नाम आता है। 4 साल में पहली बार ये जोड़ी फिटनेस नहीं फॉर्म के आधार पर टूट
गई है। गंभीर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे सीरीज से बाहर किए गए हैं।
आलोचकों का कहना है कि चयनकर्ताओं का ये फैसला सही है लेकिन फैंस का मानना
है कि इस जोड़ी को एक और मौका दिया जा सकता था।
टेस्ट इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ियों में गंभीर और सहवाग की जोड़ी रनों
के लिहाज से 5वें स्थान पर आती है। इस जोड़ी ने 87 पारियों में 4412 रन
जोड़े हैं, जिसमें 11 शतकीय और 25 अर्धशतकीय साझेदारियां शामिल है। 50 रन
से ज्यादा 36 साझेदारियों के साथ ये जोड़ी अर्धशतकीय साझेदारियों के मामले
में तीसरे स्थान पर है, सिर्फ ग्रिनिज हेंस और हेडन लैंगर की जोडी़ इन
दोनों से आगे हैं।
इन आंकड़ों के दो पहलू है, पहला की इस जोड़ी
बीते दो दशक में भारत की सबसे स्थिर और सफल सलामी जोड़ी है, लेकिन दूसरा
पहलू ये भी है कि गंभीर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से बाहर करने के
पीछे चयनकर्ताओं की दूरदर्शिता भी है। साल के अंत में होने वाले द.अफ्रीका
के दौरे से पहले चयनकर्ता गंभीर को संदेश देना चाहते हैं कि वो अपने खेल पर
काम करे, साथ ही उछाल और रफ्तार के खिलाफ विकल्पों की तलाश भी जारी है
सहवाग-गंभीर
के 4412 में से करीब 4000 रन उपमहाद्वीप में बने हैं, विदेश में ये जोड़ी
एक साथ 19 बार मैदान पर उतरी है, जहां दोनों ने महज 25 की औसत से 522 रन
बनाए हैं। साल 2011 की शुरुआत के बाद इस जोड़ी ने विदेश में दो सीरीज में 1
भी शतकीय साझेदारी नहीं की।
इस
बात में दो राय नहीं कि भारत को साल 2009 में टेस्ट में नंबर 1 रैंकिंग तक
ले जाने में गंभीर और सहवाग दोनों का अहम रोल था। न्यूजीलैंड में 11 घंटे
बल्लेबाजी करके गंभीर ने भारत के लिए मैच बचाया और भारत ने 41 साल बाद उस
जमीन पर सीरीज जीती, लेकिन गंभीर और सहवाग उस दौर के बाद फ्लॉप ही रहे हैं,
सहवाग ने 4 साल और गंभीर ने 3 साल से विदेश में शतक नहीं लगाया है।
कहने
वाले कह सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला घर पर हैं, ऐसे में इस
जोड़ी के घरेलू जमीन पर रिकॉर्ड को देखते हुए मौका दिया जा सकता है, लेकिन
चयनकर्ताओं का मानना है कि पुराने रिकॉर्ड के आधार पर बार-बार मौके नहीं
दिए जा सकते।
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