भुवनेश्वर। ओडिशा में मंगलवार को तीन महिलाओं और एक बुजुर्ग को निर्वस्त्र
कर पूरे गांव में घुमाया गया। कहा कि ये तीनों डायन हैं। ऐसा पहली बार
नहीं हुआ है। पहले भी डायन बताकर महिलाओं को यहां नग्न घुमा चुके हैं। इन
कथित डायनों को बचाने के लिये पुलिस तो हर बार आती है, लेकिन समाज के वो
ठेकेदार कभी नहीं आये, जो सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान लेट तक जाते हैं।
जी हां ओडिशा के गांवों में महिलाओं की स्थिति काफी बदतर होती जा रही है।
राजधानी से महज 450 किलोमीटर दूर सबडेग प्रखंड में जो हुआ वो पूरी तरह
अमानवीय था। यहां के सुंदरगढ़ जिले के एक गांव में डायन बताकर तीन महिलाओं
और एक बुजुर्ग को निर्वस्त्र घुमाया। कारण सुनकर भी अपके होश उड़ जायेंगे।
असल में हाल ही में कुछ बाशिंदे बीमार हुए थे। गांव वालों ने कह दिया कि इन
तीन महिलाओं और बुजुर्ग ने उन पर जादू टोना किया है।
बस फिर क्या था तीनों को डायन करार दे दिया गया। अगर समय पर पुलिस नहीं
पहुंचती तो गांव वालों ने इन तीनों को मार डालने का प्लान बना लिया था।
भीड़ में सबसे आगे चलने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
हम अंत में सिर्फ इतना ही पूछना चाहेंगे, कि जब ऐसी वारदातें सामने आती
हैं, तो समाज के ठेकेदार क्यों आगे नहीं आते। दिल्ली में बलात्कार हुआ,
पूरे देश में हलचल मच गई। कल बैंगलोर में एक पांच साल की बच्ची के साथ
दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। बच्ची गुप्तांगों तक पर चोट पहुंचायी
गई, लेकिन आज न तो मीडिया को उनकी परवाह है और न तथाकथित समाज सेवकों को।
ये लोग आगे इसलिये नहीं आते क्योंकि ओडीशा में जिन्हें नग्न घुमाया गया
वो गांव की देहाती महिलाएं थीं और बैंगलोर में जिसका रेप व हत्या हुई वो
घरों में काम करने वाली नौकरानी की बेटी थी।
No comments:
Post a Comment