करगिल की जंग पर एक नए खुलासे ने
पाकिस्तान को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के एक पूर्व
फौजी अफसर ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि करगिल में घुसपैठ के दौरान
खुद जनरल परवेज मुशर्रफ नियंत्रण रेखा पारकर भारत में 11 किलोमीटर अंदर तक
घुस आए थे। उन्होंने वहां एक रात भी गुजारी।
करगिल
में 14 साल पहले भारतीय जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। हमलावर
पाकिस्तान को अपने मांद में लौटना पड़ा था। और अब इतने सालों बाद पाकिस्तान
के पूर्व फौजियों ने कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जिससे साफ हो जाता है
कि करगिल की जंग पर आज तक पाकिस्तान झूठ बोलता आ रहा है। भारत पर इस जंग को
थोपने वाले जनरल परवेज मुशर्रफ अभी भी खुद को पाक साफ बताने की कोशिश करते
हैं, लेकिन एक किताब ने मुशर्रफ और तत्कालीन पाकिस्तानी सरकार को कठघरे
में खड़ा कर दिया है। ये किताब लिखी है पाकिस्तान के रिटायर्ड कर्नल अशफाक
हुसैन ने, जिसका नाम है-विटनेस टू ब्लंडर।
इस किताब के मुताबिक 28 मार्च 1999 को जनरल परवेज मुशर्रफ हेलीकॉप्टर पर
सवार होकर भारतीय सीमा के 11 किलोमीटर अंदर गए और जकरिया मुस्तकिर नाम की
जगह पर एक रात गुजारी। करगिल में जंग की शुरुआत मई 1999 में हुई। उससे पहले
तक पाकिस्तानी सरकार भारत के साथ दोस्ती का दिखावा कर रहा था, लेकिन खुद
जनरल परवेज मुशर्रफ लाइन ऑफ कंट्रोल को पारकर भारतीय सीमा में दाखिल हो गए
यानि साफ है करगिल की पूरी साजिश मुशर्रफ की निगरानी में तैयार हुई, लेकिन
सालों तक मुशर्रफ दुनिया को यही बताते रहे कि करगिल में घुसपैठ करने वाले
पाकिस्तानी सेना के जवान नहीं थे। इसी किताब में एक और खुलासा हुआ है कि
पाकिस्तान ने करगिल पर कब्जे का ब्लू प्रिंट दिसंबर 1998 में ही तैयार कर
लिया था।
रिटायर्ड कर्नल अशफाक हुसैन के मुताबिक 18 दिसंबर 1998 को पहली बार
पाकिस्तानी सेना के तीन जवानों को एलओसी पारकर भारतीय सीमा के भीतर हालात
का जायजा लेने का आदेश दिया गया। इस किताब के सामने आने के बाद करगिल में
भारत के हाथों मिली मात पर पाकिस्तान में नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है।
जनरल मुशर्रफ करगिल की जंग को पाकिस्तानी की कामयाबी के बतौर पेश करते रहे
हैं। उनके मुताबिक इस जंग में उनके सिर्फ 270 जवान मारे गए, लेकिन रिटायर्ड
कर्नल अशफाक हुसैन के मुताबिक करगिल में करीब एक हजार पाकिस्तानी सैनिक
मारे गए।
अशफाक
हुसैन के इस खुलासे के बाद पाकिस्तान में करगिल हमला मामले की न्यायिक
जांच की मांग की जा रही है। विपक्ष के नेता चौधरी निसार अली खान ने कहा है
कि जनरल मुशर्रफ ने बेवजह पाकिस्तान को करगिल युद्ध की आग में झोंका और इस
मामले की जांच होनी चाहिए। अशफाक हुसैन के मुताबिक करगिल में शिकस्त खाने
के बाद पाकिस्तान के हुक्मरानों ने इस जंग की कई अहम बातों पर पर्दा डाल
दिया, लेकिन अब जांच में पूरी बात सामने आनी चाहिए।
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