रंक से राजा बनने की कहानी सिर्फ पंचतंत्र
की कहानियों में ही नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी देखी जा सकती है। ऐसी ही
एक कहानी है चंदा जावेरी की जो 17 साल में जबरदस्ती शादी करने के दबाव में
भाग गयी थी और 30 साल बाद एक अरबपति बनकर लौटी है। 17 साल की उम्र में तीन
साड़ी लेकर निकली यह लड़की आज की तारीख में एक सफल स्किन केयर कंपनी की
सीईओ है।
पुरानी विचार धारा का था परिवार
एक
पुरानी विचारधारा की मारवाड़ी परिवार में जन्मी चंदा जावेरी को उनकी मां
शादी करने को लेकर दबाव बना रही थी। जावेरी ने कहा कि उन्होंने अपनी मां को
कई बार समझाया कि यह उनका रास्ता नहीं है पर वह नहीं मानी। मेरी मां ने
मुझे धमकाया कि अगर मैं (चंदा) शादी के लिए राजी नहीं हो ती तो फिर वह खुद
को मार देंगी।
तीन साड़िया के साथ भागी गई थी घर से
17
साल की उम्र में चंदा के पास न पैसा था। उसके पास सिर्फ तीन साड़ी थी।चंदा
अपने दोस्तों की मदद से अमेरीका पहुंच गयी। इसके बाद वही दोस्त उसके
परिवार का हिस्सा बन गए। चंदा ने कहा कि मैंने अपना देश खो दिया। अपना घर
खो दिया। लेकिन मुझे उस वक्त खोने के गम से ज्यादा आजादी की खुशी थी।
समाज ने उड़ाया परिवार का मजाक
दूसरी
ओर परिवार में उसका भाग जाना एक शर्म की तरह देखा जा रहा था। चंदा के भाई
अरुण कुमार ने कहा कि इस घटना के बाद परिवार को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
पडो़सियों ने परिवार का मजाक उड़ाया।पर अब चंदा उसके समुदाय के लिए एक
उदाहरण बन चुकी है। वह एक सफल मोलिक्यूलर ब\यलोजिस्ट बन चुकी हैं जिसके पास
4 पेटेंट है। वह अमेरीका की एक सफल स्किन केयर कंपनी की सीईओ है। यह उसकी
जिंदगी थी और वह आज अपनी जिंदगी से खुश है।
पहले भी गाढ़े महिलाओं ने झंडे
19
वर्षीय साची सोनी को दुनिया की सबसे उंची पर्वतीय चोटी माउंड एवरेस्ट पर
चढ़ने के लिए उनका चयन हुआ। वह पहले भी भारत के बड़े बड़े पहाड़ो पर चढ़ाई
कर चुकी है। उन्हें हिमालयन माउंटेनियरिंग संस्थान द्वारा चयनित किया गया।
एक
ओर जहां महिला सुरक्षा पर देश में बवाल मचा हुआ है वहीं प्रिया साचन देश
की महिलाओं के लिए एक उदाहरण के तौर पर उभरी हैं। 21 वर्षीय प्रिया
गुड़गांव के रेपिड मेट्रो प्रोजेक्ट के स्टेशन मैनेजर और 50 ट्रेन ऑपरेटर
में अकेली महिला है।
वेश्यावृत्ति के
पेशे को लोग हेय द्रष्टि से देखते हैं पर बिहार में मुजफ्फरनगर जिले की
सेक्स वर्कर ने समाज के लिए ऐसा काम किया है जिसकी जिम्मदारी सामान्य
नागरिक लेने में भी कतराते हैं। रानी बेगम नाम का नाम एक वेश्या नहीं बल्कि
एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाम से जाना जाता है। आज रानी अपने इलाके के
20,000 स्थानीय लोगों की आवाज बन चुकी हैं। जिसमें से एक बड़ी तादाद सेक्स
वर्कर की है। रानी बेगम ने बच्चों के लिए भी व्यावसायिक कार्यक्रम शुरू किए
हैं।
No comments:
Post a Comment