सहारा ग्रुप को बड़ा झटक लगा है।
निवेशकों का पैसा लौटाने में आनाकानी सहारा ग्रुप को भारी पड़ गई है। सेबी
ने सहारा ग्रुप की दो कंपनियों के 100 से ज्यादा अकाउंट जब्त कर लिए हैं।
इसके अलावा ग्रुप की कई चल-अचल संपत्तियों की कुर्की के आदेश भी दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से सहारा के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर सवाल किए
थे। इसके बाद सेबी ने ये कार्रवाई की है।
सेबी
ने सहारा के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा के बैंक अकाउंट को भी सीज कर दिया
है। यही नहीं, उनकी चल और अचल संपत्ति जब्त करने का भी आदेश सेबी ने दिया
है। सुप्रीम कोर्ट में निवेशकों का पैसा लौटाने का मामला आने पर पिछले साल
अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को 15 फीसदी ब्याज के साथ पैसे
वापस करने का आदेश दिया था। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को ये
पैसा सहारा से वापस लेने के लिए कहा था।
दिसंबर 2012 में अदालत ने सहारा ग्रुप को ये पैसा तीन किस्तों में देने की
छूट दी थी। जिसमें फौरन 5120 करोड़ रुपए देना था। इसके बाद 10 हजार करोड़
जनवरी के पहले हफ्ते में और बाकी पैसे फरवरी के पहले हफ्ते में देने की
शर्त थी लेकिन जब ये पैसे सहारा ने जमा नहीं किए तो सेबी ने सुप्रीम कोर्ट
के आदेश के मुताबिक कार्रवाई की। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को भी
कार्रवाई में देरी करने पर फटकार लगाई थी।
सेबी के आदेश के मुताबिक सहारा की काफी
प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है, सहारा की पुणे के करीब ऐंबी वैली की जमीनें,
दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई और देश के दूसरी जगहों पर सहारा की जमीनें। बैंकों
में सहारा के म्यूचुअल फंड, डिमैट अकाउंट, इनवेस्टमेंट सब सीज होंगे।
बताया
जाता है कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन ने 13 मार्च 2008 को 19
हजार चार सौ करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन ने 6 हजार 380
करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे, लेकिन समय से पहले वापस ले लिए गए निवेश के बाद
इन कंपनियों पर 31 अगस्त को निवेशकों का कुल 24 हजार 29 करोड़ रुपये बकाया
था।
गौरतलब
है कि सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा हाउसिंग और सहारा रियल इस्टेट के
निवेशकों ने नियामक संस्था सेबी के समक्ष शिकायत की थी कि उनके द्वारा
निवेश किया गया पैसा समय पर उन्हें नहीं मिल रहा। केस सुप्रीम कोर्ट तक
पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को एक समय-सीमा के भीतर तीन करोड़
निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपये 15 फीसदी ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया।
सहारा
इस मामले में टालमटोल करता रहा और आखिरकार 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने
सेबी को आदेश दिया कि वो सहारा ग्रुप के अकाउंट फ्रीज करने के लिए स्वतंत्र
है जिसपर अमल करते हुए सेबी ने ये कड़ा कदम उठाया है।
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