इलाहाबाद। विवादों में रहने वाले संतों को पदवी दिये जाने का सिलसिला
लगातार जारी है। राधे मां को जूना अखाड़े की तरफ से महामंडलेश्वर बनाये
जाने का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि साधना की आड़ में सेक्स रैकेट
चलाने वाले स्वामी नित्यानंद को पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की ओर से
महामंडलेश्वर बना दिया गया है। मालूम हो कि स्वामी नित्यानंद सेक्स
स्कैंडल मामले में गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी नित्यानंद के अलावा पावनधाम, हरिद्वार
के स्वामी सत्यप्रकाशानंद को भी मंत्रोच्चार के बीच पट्ठाभिषेक और चादर
ओढ़ाकर महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। हालांकि स्वामी नित्यानंद को
महामंडेलश्वर की पदवी पर बैठाए जाने को लेकर विरोध भी जारी है।
महानिर्वाणी के इस कदम का अखाड़े मे विरोध किया जा रहा है।
गौरतलब है कि नित्यानंद पर गंभीर चारित्रिक आरोप है। उनका मामला अब भी
अदालत में विचाराधीन है। निरंजनी के सचिव श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का कहना है
कि किसी संत को महामंडलेश्वर बनाना अखाड़े का अधिकार है लेकिन इस पद की
गरिमा और मर्यादा होती है, जिस पर रमता पंचों को विचार करना चाहिए, लेकिन
इस बारे में पारदर्शिता नहीं बरती गई। उन्होंने साफ कहा कि नित्यानंद
स्वामी इस पद के योग्य नहीं है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु की ग्लैमर और सेक्सी अदाकारा के साथ
नित्यानंद की सीडी ने हंगामा खड़ा कर दिया था क्योंकि इस सीडी में बाबा
परवचन नहीं बल्कि रंगरलियां कर रहे थे। कोई और होता तो एक बार सोचा जाता
मगर जो शख्स योगी होने का दावा करता हो, ब्रह्मचर्य होने की कसमें खाता
हो, जिसपर लाखों भक्तों की आस्था और विश्वास टिका हो वो अपनी अय्याशियों
के सामने कितनी आसानी से घुटने टेक देगा यह जानकार हर कोई हैरान है।
सीआईडी ने नित्यानंद के बैंगलोर स्थित आश्रम पर छापामार कर सेक्स
एग्रीमेंट के कुछ दस्तावेज बरामद किये थे। इस दस्तावेजों में इस बात का
खुलासा किया था कि बाबा के आश्रम में सेक्स की दुकान चलती थी। दुकान भी
ऐसी वैसी नहीं बल्कि सेक्स के साधना की दुकान।
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